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बेटियां बनीं अपराजिता, बदसलूकी पर देंगी करारा जवाब

Published - Sun 14, Jul 2019

विद्यालय की प्रधानाचार्य कमलेश कुमार ने आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही 200 से अधिक छात्राओं को प्रमाणपत्र दिया

varanasi 12 july self defence

वाराणसी। खुद पर इतना भरोसा हो गया है कि अब हमें छेड़ने वाला बचकर निकल नहीं पाएगा। उनके लिए तो अब हम अकेले ही काफी हैं। छात्राओं में ये हौसला, ये हिम्मत सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग ने जगा दिया है। अमर उजाला फाउंडेशन, अपराजिता-100 मिलियन स्माइल्स और मानव एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट्स की ओर से विभिन्न स्कूलों में कराई गई सेल्फ डिफेंस की कार्यशाला अपने उद्देश्यों की पूरा कर मुकाम की ओर से बढ़ चली है। 12 जुलाई को कैंट स्थित कमलापति त्रिपाठी गर्ल्स इंटर कालेज में शिविर का समापन किया गया। इस अवसर पर छात्राओं ने किक और पंच का प्रदर्शन किया। इसके बाद विद्यालय की प्रधानाचार्य कमलेश कुमार ने आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही 200 से अधिक छात्राओं को प्रमाणपत्र दिया। इस दौरान  शिक्षिका शिप्रा श्रीवास्तव, वंदना सिंह, सुलोचना यादव, नीलम गुप्ता, मानव एकेडमी की ओर से ज्योति सिंह, अनिता प्रजापति आदि मौजूद रहीं।

  • खुद में ये आत्मविश्वास हो गया है कि मैं अब अपना ख्याल खुद रख सकती हूं। अटैक कहां करना है, डिफेंस कहां करना है, इस ट्रेनिंग से ये तकनीकी जानकारी र्हो गई है। - शबाना खातून
  • कराते की ट्रेनिंग हर किसी के लिए जरूरी है। इस ट्रेनिंग से छोटी-छोटी ही सही लेकिन काम की जानकारी मिली। कई पैतरे सीखे, जिससे सामने वाले को पस्त किया जा सकता है। - ज्योति सोनकर
  • छेड़खानी से हर लड़की दो चार होती है। कुछ उसका जवाब देना चाहती है, लेकिन हिम्मत नहीं कर पातीं। इस ट्रेनिंग ने हमें वो हिम्मत और जज्बा दे दिया है - अर्चना खरवार
  • खुद में इतना हौसला इतनी हिम्मत आ गई है कि अब हमें कोई छेड़कर निकल नहीं सकता। किक और पंच का कहां कैसे इस्तेमाल करना है, सबका प्रशिक्षण मिला है। - रिंकी
  • सेल्फ डिफेंस सीख कर लड़कियां छेड़छाड़ और अचानक हुए हमले के दौरान अपनी और दूसरों की रक्षा बिना हथियार के कर सकती हैं, साथ ही इससे उनका आत्मविश्वास भी पैदा होगा। - हंशी भारत शर्मा अध्यक्ष, साउथ एशियाई कराते फेडरेशन