राजस्थान की सुमन ने जीता मिस इंडिया टाइटल का खिताब
2018 में हुए फेमिना मिस इंडिया कंम्पटीशन में अनुकृति वास को ये खिताब मिला था जबकि सुमन राव पहली रनरअप पर ही अटक गई थीं। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और इस बार एक नया इतिहास रच दिया है। मिस इंडिया के 67 साल के इतिहास में यह पहला अवसर है जब राजस्थान में किसी को मिस इंडिया टाइटल मिला है। यह प्रतियोगिता 1952 से शुरु हुई थी। बीती रात मुंबई में हुई प्रतियोगिता में राजसमंद की सुमन राव ने मिस इंडिया का क्राउन जीत लिया। वे दिसंबर में होने वाली मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में इंडिया को रिप्रजेंट करेंगी। सुमन के पिता पेशे से ज्वैलर है। ग्लैमरस दुनिया के साथ सुनम सीए की पढ़ाई कर रही हैं। वे कहती हैं कि वो जीवन में उन चीजों को करने की भी हिम्मत रखती हैं जिन्हें लोग अनिश्चित मानते हैं। सुमन जीवन में सबसे ज्यादा प्रभावित अपने माता-पिता से हैं।
छोटे-से गांव आईडाणा में जन्मीं
सुमन राव राजसमंद जिले में आमेट क्षेत्र के छोटे-से गांव आईडाणा में जन्मी हैं। वे 1999 से फैमिली के साथ मुंबई में रह रही हैं। मिस नवी मुंबई के बाद मिस इंडिया बनने तक का सफर उन्होंने सिर्फ डेढ़ साल में पूरा किया है। उनके पिता रतनसिंह मुंबई में ज्वैलरी व्यवसायी हैं। वे सुमन को 13 महीने की उम्र में ही मुंबई ले गए थे। बाद में उनकी पढ़ाई वहीं हुई। डेढ़ साल पहले मुंबई में मिस नवी मुंबई कांटेस्ट में भाग लेकर मिस नवी मुंबई का खिताब जीत चुकी है। तब इस कांटेस्ट में 500 युवतियों ने भाग लिया था। फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के शो में भी काम कर चुकी है। इसी साल जयपुर में मिस इंडिया कांटेस्ट में भाग लिया था।
सफल होने के लिए असफलता की सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं
सुमन कहती है कि सफल होने के लिए पहले असफलता की सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मेरे लिए सबसे खूबसूरत पल वो था जब मैं नवी मुंबई की फर्स्ट रनरअप रही। मैं विनर नहीं बन पाई क्योंकि सवालों के जवाब देने का ढंग प्रभावशाली नहीं था। तब मैंने खुद की कमियों को पहचाना और पाया कि मेरे चलने, बोलने ढंग में सुधार की गुंजाइश है। मैंने एक साल तक खुद पर वर्कआउट किया। मेरे बारे में ये ही रूमर्स फैलाया जाता है कि बहुत एटीट्यूड है। जबकि मेरा मनाना है कि हर महिला में सेल्फ कान्फीडेंस होना चाहिए। कभी गिव अप नहीं करना चाहिए। अगर आपने कोई सपना देखा है तो उसे हकीकत में बदलने के लिए उस दिशा में मेहनत करें। मैं अपना उदाहरण दूं, मुझे मिस इंडिया का क्राउन जीतना था। 2018 में फर्स्ट रनरअप रही, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मेरे दृढ निश्चय ने ही मुझे बाकी 29 पार्टिसिपेंट्स से बेहतर करने की प्रेरणा दी। जब आप अपने गोल के प्रति दृढ़ निश्चय होते हैं तो आपकी शरीर की नस-नस सफल सफल बनाने के लिए सक्रिय हो जाती है।
बचपन से डांस और मॉडलिंग का था शौक
उनके पिता रतन सिंह बताते हैं कि सुमन की पढ़ाई महात्मा गांधी एजुकेशन सोसायटी में हुई थी। बचपन से ही डांस तथा मॉडलिंग उनक शौक रहा है। कथक नृत्य करने की भी शौकीन रही हैं। पिता के अनुसार सुमन जब स्कूल में पढ़ती थी तब से ही लड़का-लड़की का अंतर खत्म करने की बात कहती। वह अक्सर कहती कि जो काम लड़के कर सकते हैं, वह लड़कियां भी तो कर सकती हैं। 14 अप्रैल को पूना में राजस्थान फिनाले के रिजल्ट में सुमन स्टेट विनर रही थीं। इसके बाद मिस इंडिया के लिए सुमन ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया। वे 33 प्रतिभागियों को पछाड़कर मिस इंडिया बनी हैं। कार्यक्रम मुंबई के सरदार वल्लभभाई पटेल इंडोर स्टेडियम में हुआ।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.