Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

कांस्टेबल पिता तैनात थे आईजीपी के घर, बेटी ने सपना देखा, आईएएस बनी

Published - Thu 09, May 2019

अगर ठान लिया जाए और धैर्य के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ा जाए तो कोई भी ऐसा लक्ष्य नहीं है, जिसे पाया नहीं जा सके। कुछ ऐसा ही चंडीगढ़ की प्रीति ने सोचा। उन्होंने एक सपना देखा था, जिसे पाने के लिए उन्होंने धैर्य रखा और परिश्रम करते हुए आगे बढ़ती रही। सपना था आईएएस बनना और उन्होंने यह परीक्षा पास करते हुए मुकाम हासिल किया। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रीति ने अफसर बनने सपना तब देखा, जब वह बहुत छोटी थी और अपने कांस्टेबल पिता को आईजीपी के घर पर तैनात देखती थी। आज पिता ही नहीं, हर किसी को प्रीति की इस कामयाबी पर गर्व है।

चंडीगढ़। बचपन में पिता को वह आईजीपी के घर तैनात देखती थी, उसी दौरान अफसर बनने का सपना पाल बैठी। धीरे-धीरे बड़ी हुई तो यह सपना पूरा करने के करीब भी पहुंचती रही और एक दिन वह भी आ गया जब लोग कहने लगे, देखो कांस्टेबल की बेटी ने कमाल कर दिखाया। यह कहानी नहीं, एक सच्चाई है प्रीति यादव की। यूपीएससी के 2019 में आए परिणाम में प्रीति यादव ने 466 रैंक के साथ आईएसस बनने का सपना पूरा कर लिया।  प्रीति बताती हैं कि जब हम छोटे थे तो मेरे पिता आईजीपी के घर में तैनात थे और हम जब बड़े हुए तो IGP बदल गया, लेकिन वह पद एक सपना बन गया, जो अब पूरा हो गया है। आईएएस बनने की तैयारी के साथ प्रीति ग्रेजुएशन भी कर रही थीं। वह पढ़ाई में शुरू से अच्‍छी रही हैं। प्रीति ने वर्ष 2013 में 96.2 फीसदी अंकों के साथ मानविकी स्ट्रीम में टॉप किया था। इसके बाद सरकारी गर्ल्‍स कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया। आईएएस की तैयारी करने के लिए उन्‍होंने मास्‍टर्स की परीक्षा बीच में ही छोड़ दी।

धैर्य के साथ रखें दृढ़ निश्चय
प्रीति के अनुसार जीवन में सफलता सहजता से नहीं मिलती। इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। धैर्य के साथ और पूरे दृढ़ निश्‍चय के साथ आगे बढ़ना पड़ता है। आपका एक-एक पल कीमती है, इसलिए उसे बर्बाद करने की बजाय तैयारी में लगाएं, तभी आप अपने लक्ष्य को पाने में सफल होंगे।