अलीगढ़ क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए इंस्पेक्टर अरुणा राय ने दिखाई जांबाजी
अलीगढ़। थाने के सामने से एक कार में हिस्ट्रीशीटर को जाते देखा तो इंस्पेक्टर अरुणा राय का खून खौल उठा। जिद थी कि उसे पकड़ना है, किसी भी तरह उसे सलाखों के पीछे पहुंचाना है और इसके लिए इंस्पेक्टर अरुणा राय ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। लेडी सिंघम बनी इंस्पेक्टर ने फिल्मी स्टाइल में अपराधी का पीछा करते हुए आखिर उसे पकड़कर ही दम लिया।
अलीगढ़ क्षेत्र के बन्ना देवी पुलिस थाना की इस्पेक्टर अरुणा राय ने 9 मई को खैर थाने के हिस्ट्रीशीटर और कुख्यात बदमाश बलिया को उनके थाने के सामने से ही कार से जाते देखा। इस पर इंस्पेक्टर अरुणा ने दरोगा को बलिया का पीछा करने को कहा। बलिया को भी जब इसकी भनक लगी तो उसने कार की स्पीड बढ़ा दी। इस बीच उसने चार-पांच राहगीरों को भी कार से टक्कर मारकर घायल कर दिया। इस पर दरोगा ने वायरलेस पर बदमाश के भागने की सूचना दी तो थाना पुलिस उसके पीछे लग गई। साथ ही अरुणा राय भी बलिया को पकड़ने में लग गई। भागते-भागते बलिया सारसौल चौराहा पर लगे जाम में फंस गया। पुलिस द्वारा खुद को घिरता देख उसने तमंचा निकाल लिया और पुलिस को धमकाकर वहां से भागने की कोशिश की। इंस्पेक्टर अरुणा राय ने सूझबूझ दिखा पीछे से जाकर बलिया के सिर पर पिस्टल तान दी। इससे घबराए बलिया ने सरेंडर कर दिया। सीओ द्वितीय संजीव दीक्षित के अनुसार बलिया खैर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ एक दर्जन से अधिक मुकदमे हैं। फिलहाल उससे पूछताछ कर पता लगाया जा रहा है कि वह किसी वारदात को अंजाम देने के लिए तो शहर नहीं आया था।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.