सुरक्षा हर महिला का मौलिक अधिकार है। आज भी बड़े शहरों में अंधेरा होने पर महिलाएं घर से बाहर निकलने में झिझकती हैं। इसी मानसिकता को खत्म करने और महिलाओं को सबल बनाने के लिए पिंक बेल्ट मिशन की मोटीवेटर अपर्णा राजावत काम कर रही हैं।
महिला सशक्तीकरण के साथ अपर्णा राजावत ने बनाया ‘विश्व रिकॉर्ड’
नई दिल्ली। सुरक्षा हर महिला का मौलिक अधिकार है। आज भी बड़े शहरों में अंधेरा होने पर महिलाएं घर से बाहर निकलने में झिझकती हैं। इसी मानसिकता को खत्म करने और महिलाओं को सबल बनाने के लिए पिंक बेल्ट मिशन की मोटीवेटर अपर्णा राजावत काम कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने आगरा के एकलव्य स्टेडियम नारी शक्ति सेल्फ डिफेंस की पाठशाला आयोजित की। इसमें 7401
छात्राओं ने भाग लिया। इसके जरिए उन्होंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया।
इससे पहले वर्ष 2010 में ब्राजील में 2216 लड़कियों ने एकत्रित होकर यह रिकार्ड बनाया था। अब भारत की अपर्णा ने इस विश्व रिकॉर्ड छोड़ दिया है। इस अभियान को लार्जेस्ट सेल्फ डिफेंस लेसन नाम दिया गया था।
साढ़े सात हजार छात्राओं ने एक साथ ली सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग
पिंक बेल्ट की संस्थापक एवं इंटरनेशनल मोटीवेटर अपर्णा राजावत ने ताजनगरी की छात्राओं व टीचर्स को सेल्फ डिफेंस के टिप्स दिए। एक साथ हजारों लड़कियों ने सेल्फ डिफेंस का सामूहिक प्रदर्शन किया। यह लेसन 30 मिनट तक चला। इस दौरान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम लड़़कियों के हर मूवमेंट और सेल्फ डिफेंस की उनकी तकनीकी पर बारीकी से नजर रखे हुए थी। फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम के भारत में प्रतिनिधि स्वप्निल ने मंच से एलान किया कि ताजनगरी की लड़कियों ने वर्ष 2010 में ब्राजील में बने 2216 लड़कियों के रिकार्ड को पीछे छोड़ दिया, क्योंकि एकलव्य में 7401 लड़कियों ने भागीदारी की। बाद में यह संख्या 15 हजार तक पहुंच गई थी, लेकिन गिनीज की टीम ने रिकार्ड का समय शुरू होने के कारण इन्हें रिकार्ड में शामिल नहीं किया।
एक साल से विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी कर रही थीं अपर्णा
अपर्णा बताती हैं कि वह देश की पहली अंतरराष्ट्रीय मार्शल आर्ट मेडलिस्ट हैं। इसके बाद टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़ीं। अब तीन साल से विदेश छोड़कर अपने देश में लड़कियों को सक्षम बनाना ही उनका लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए वह एक साल से कड़ी मेहनत कर रही है। वह अकेली नहीं हैं, उनके साथ 100 महिलाओं की टीम है। पिछले डेढ़ माह से हर स्कूल और लड़कियों के संस्थानों में जाकर आत्मरक्षा की कक्षाएं लगाई हैं। लड़कियों को मोटीवेट किया है। यही कारण है कि स्टेडियम में इतनी बड़ी संख्या में बेटियां जुटी। अपर्णा ने बताया कि केवल विश्व रिकॉर्ड बनाना उनका लक्ष्य नहीं है। वह महिला सशक्तीकरण के कार्यों में जुटी रहेंगी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.