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संगीत का शौक ऐसा कि यूएस की नौकरी छोड़ आर्ची बन गईं भारत की पहली बैगपाइप इंस्ट्रूमेंट आर्टिस्ट

Published - Sat 22, Feb 2020

दिल्ली की रहने वाली 27 साल की आर्ची जे ने संगीत का अपना शौक पूरा करने के लिए यूएस की लाखों रुपये की नौकरी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया और चल पड़ीं अपनी मंजिल की ओर। आर्ची ने अपने लिए एक अलग रास्ता चुना और तब तक नहीं रुकीं, जब तक उन्हें उनका मुकाम मिल नहीं गया।

नई दिल्ली। 'शौक बड़ी चीज है' यह कहते और सुनते तो बहुत से लोगों को आपने देखा होगा, लेकिन अपने किसी जुनून को पूरा करने के लिए कुछ ही लोग बड़े कदम उठाने का साहस दिखा पाते हैं। कुछ ऐसा ही किया दिल्ली की रहने वाली 27 साल की आर्ची जे ने। इन्होंने संगीत का अपना शौक पूरा करने के लिए यूएस की लाखों रुपये की नौकरी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया और चल पड़ीं अपनी मंजिल की ओर। आर्ची ने अपने लिए एक अलग रास्ता चुना और तब तक नहीं रुकीं, जब तक उन्हें उनका मुकाम मिल नहीं गया। आर्ची को संगीत का शौक बचपन से ही था, लेकिन जब उन्होंने 15 अगस्त की परेड में पहली बार बैगपाइप यंत्र को सुना तो उनका शौक जुनून में बदल गया। उन्होंने संगीत की इस विधा को सीखने की ठान ली। लेकिन मुश्किल यह थी कि भारत में बैगपाइप यंत्र का ज्यादा प्रचलन ना होने के कारण यहां इसे सिखाने वाला कोई ट्रेनर ही उन्हें नहीं मिला। लेकिन आर्ची ने हार नहीं मानी। उन्होंने कुछ किताबों और ऑनलाइन वीडियोज के जरिए इसे बजाना सीखा। आज दुनियाभर में आर्ची के लाखों प्रशंसक हैं। उनके पहले गाने को ही लाखों लोगों ने पसंद किया और सराहा। इंडियन स्टाइल में वेस्टर्न म्यूजिक का तड़का लगाने वाली आर्ची के वीडियोज को दुनियाभर में सुना जाता है। उनके इस टैलेंट के कारण राष्ट्रपति उन्हें 2018 में सम्मानित भी कर चुके हैं। 

मॉस कम्युनिकेशन की पढ़ाई के बाद चलीं गईं थी यूएस

नोएडा के एशियन स्कूल ऑफ मीडिया से मॉस कम्युनिकेशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्ची ने यूएस आधारित एक कंपनी में नौकरी शुरू कर दी थी। उन्होंने नौकरी करने के साथ-साथ अपने जुनून को भी जिंदा रखा और किताबों की मदद से बैगपाइप इंस्ट्रूमेंट बजाना सीखती रहीं। दो साल तक अकेले सीखने के बाद आर्ची एक हफ्ते के लिए स्कॉटलैंड के ग्लासग्लो गईं। वहां उन्होंने अपने अध्ययन को और बारीकी से करते हुए प्रोफेशनल्स से बैगपाइप बजाना सीखा। एक हफ्ते बाद ग्लासग्लो से वापस आने के बाद आर्ची ने अपने जुनून को ही अपना करियर बनाने का फैसला कर अपनी नौकरी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

पहले ही वीडियो से मचा दी धूम

आर्ची बैगपाइप बजाने वाली पहली भारतीय महिला होने के अलावा बेहतरीन फ्यूजन बनाने के लिए भी काफी मशहूर हैं। उन्होंने साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया के मशहूर बैंड एसी डीसी के थंडरस्ट्रक गाने की धुन को बैगपाइप यंत्र से बजाकर अपनी वीडियो शेयर की थी। खुद में एक अलग तरह की धुन के कारण ये वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इसके बाद लगातार गेम्स ऑफ थ्रोन, स्टार वॉर्स और गॉडफादर के गानों को अपनी धुन देकर आर्ची ने काफी लोकप्रियता हासिल की। फिलहाल वो खुद के बनाए हुए गानों के कंपोजिशन की ओर बढ़ चुकी हैं। साल 2019 में आए गाने आसमां से को उन्होंने संगीत के साथ पहली बार अपनी आ‌वाज भी दी है।



आर्ची जे दुनियाभर में स्नेक चार्मर नाम से हैं मशहूर

भारतीय संस्कृति से जुड़ा होने के कारण आर्ची ने स्नैक चार्मर नाम को अपना आर्टिस्टिक नाम चुना। स्नेक चार्मर को भारत में सपेरों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो बीन बजाकर सांप को अपने वश में करते हैं। आर्ची ने अपने यू-ट्यूब चैनल को भी द स्नेक चार्मर नाम दिया है। भारत और दुनियाभर के 79 देशों में उनके इस चैनल को फॉलो किया जाता है। उनके यूट्यूब चैनल के महज पांच सालों में ही 4.50 लाख सबस्क्राइबर बन चुके हैं।

राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित

समाज में परंपराओं से अलग हटकर कुछ नया करने वालीं 100 महिलाओं को साल 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गौरवपूर्ण सम्मान से नवाजा था। इन महिलाओं में आर्ची जे ने भारत की पहली प्रोफेशनल बैगपाइप आर्टिस्ट होने के लिए सम्मान हासिल किया था।