ज्यादातर युवा कॅरियर चुनने और उसमें मन मुताबिक मुकाम पाने के बाद इधर-उधर ध्यान नहीं देते। बचपन के अपने सपनों से भी समझौता कर लेते हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो अपने सपनों में रंग भरने के लिए आखिर तक प्रयास करते हैं। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रहने वालीं डॉक्टर अर्तिका शुक्ला के एक डॉक्टर से आईएएस बनने की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उन्होंने एमबीबीएस के बाद एमडी का कोर्स पूरा किया फिर बचपन के सपने को पूरा करने के लिए यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। बिना कोचिंग के एक साल तक इन्होंने तैयारी की और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की।
नई दिल्ली। देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को पास करने के लिए लाखों युवा सालों तक मेहनत करते हैं। कोचिंग के साथ ऑनलाइन पढ़ाई, नोट्स पर लाखों रुपये पानी की तरह बहाते हैं। इसके बावजूद कुछ ही युवा प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित होते हैं। वहीं, ज्यादातर थक-हारकर किसी और नौकरी, व्यवसाय में जुट जाते हैं। इन सबके बीच कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जो पूरी लगन और शिद्दत के साथ तैयारी करते हैं और सफलता हासिल करते हैं। यूपी के वाराणसी में रहने वालीं डॉक्टर अर्तिका शुक्ला भी इन्हीं लोगों में शामिल हैं। उन्होंने बिना कोचिंग किए यूपीएससी की परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। ऐसा कर वह युवाओं की रोल मॉडल बन गई हैं। अर्तिका एमबीबीएस करने के बाद एमडी की पढ़ाई कर रही थीं, लेकिन बचपन से ही उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था। उन्होंने एमडी की पढ़ाई के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और साल 2014 में इसमें सफल रहीं। परीक्षा में उनकी ऑल इंडिया में चौथी रैंक थी।
एक साल तक पढ़ाई पर पूरी तरह रहीं फोकस
अर्तिका शुक्ला ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी एक साल तक की। उनके मुताबिक उन्होंने योजना बनाकर परीक्षा की तैयारी शुरू की। अर्तिका का मानना है कि अगर किसी ने हाईस्कूल के दौरान सभी विषयों की पढ़ाई ठीक से की हो तो उसके लिए इस परीक्षा की तैयारी करना आसान हो जाता है। सिविल सर्विस की परीक्षा में सफलता के लिए 10वीं कक्षा तक की मैथ्स, अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान के विषयों की जानकारी बेहद काम आती है। वह परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों को सलाह देती हैं कि प्री और मेन्स दोनों एग्जाम को ध्यान में रख कर एकसाथ तैयारी करनी चाहिए।
पढ़ाई का शेड्यूल बनाना काफी अहम
अर्तिका का कहना है कि यूपीएससी की परीक्षा के लिए टाइम टेबल बना कर तैयारी करना बेहतर होता है। किसी भी विषय को कमतर नहीं आंकना चाहिए। सभी विषयों पर पूरा ध्यान देना चाहिए। परीक्षा की तैयारी के दौरान समय के प्रबंधन पर सबसे ज्यादा फोकस करना चाहिए। अर्तिका कहती हैं, कोचिंग सेंटर में तैयारी के लिए वह गई थीं, लेकिन दो-तीन दिन के बाद ही वहां जाना छोड़ दिया। वैसे, उनके पेपर लेकर घर पर प्रैक्टिस करने से काफी मदद मिलती है। अर्तिका का कहना है कि पहले लक्ष्य तय कर लेने से ज्यादा फायदा होता है।
सोशल मीडिया से कर लिया था किनारा
अर्तिका ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान एक साल तक सोशल मीडिया से पूरी तरह किनारा कर लिया था। उनके मुताबिक सोशल मीडिया के इस्तेमाल से ध्यान भटकता है। आप पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते। इस परीक्षा में सफलता के लिए एकाग्रता जरूरी है। शुरू में यह थोड़ा अजीब जरूर लगता है, लेकिन फिर इसकी आदत हो जाती है। उन्होंने बताया कि वह रात के समय लिखने की प्रैक्टिस करती थीं। अर्तिका के मुताबिक इंटरव्यू में सफलता के लिए आत्मविश्वास बहुत जरूरी है। इंटरव्यू में किसी सवाल का जवाब नहीं आता हो तो बिना घबराए कह देना चाहिए कि आप इसके बारे में नहीं जानते। इसका अच्छा असर होता है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.