आज बच्चों की दुनिया किताबें, मोबाइल, टीवी, वीडियो गेम्स तक ही सिमट कर रह गई है। ऐसे दौर में जोधपुर की पूजा विश्नोई ने इन सबसे दूरी बनाकर कुछ ऐसा कर दिखाया जिसकी वजह से भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली उसे 'पॉकेट रॉकेट' कहकर बुलाने लगे।
- रोजाना करती है 8 घंटे प्रैक्टिस, ओलिंपिक 2024 में गोल्ड मेडल जीतने का सपना
नई दिल्ली। आज बच्चे आउटडोर गेम्स से दूर होते जा रहे हैं। किताबें, मोबाइल, टीवी, वीडियो गेम्स तक ही इनकी दुनिया सिमट कर रह गई है। ऐसे दौर में एक बच्ची ऐसी है, जिसने इन सबसे दूरी बनाकर कुछ ऐसा कर दिखाया कि जिसकी वजह से उसे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली 'पॉकेट रॉकेट' कहकर बुलाने लगे। हम यहां बात कर रहे हैं जोधपुर के गांव गुडा-विश्नोई में रहने वाली पूजा विश्नोई की। इस बच्ची ने महज 8 साल की उम्र में सिक्स पैक एब्स बनाकर न केवल पूरे देश, बल्कि पूरी दुनिया के एथलीटों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। रनिंग का जुनून इस बच्ची में इतना है कि यह सर्दी-गर्मी-बरसात की फिक्र किए बिना रोजाना 8 घंटे प्रैक्टिस करती है। नन्हीं पूजा का सपना 2024 के ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है। पूजा का सपना रनिंग मशीन कहे जाने वाले उसेन बोल्ट की तरह ‘लाइटनिंग बोल्ट’ जैसी एथलीट बनने की है। छोटी सी उम्र में सिक्स पैक एब्स बनाने वाली पूजा भारत की पहली बच्ची हैं।
जोधपुर मैराथन में बना था रिकार्ड
रनिंग को लेकर पूजा के समर्पण का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने जोधपुर मैराथन में 10 किलोमीटर की दूरी को महज 48 मिनट में तय कर रिकॉर्ड बना दिया था। पूजा 4 साल की उम्र से ही प्रैक्टिस कर रही हैं। पूजा किसान परिवार से तल्लुक रखती हैं। उनके पिता अशोक विश्नोई किसान हैं। मां मीमा देवी गृहिणी हैं। पूजा के नक्शे कदम ही उनका छोटा भाई कुलदीप भी चल रहा है। वह अभी महज 5 साल का है, लेकिन वह भी बहन की तरह ही रोजाना घंटों पसीना बहाता है। पूजा के नाम एक और उपलब्धि भी है। उन्होंने 3 किलोमीटर की दूरी को महज 12:50 मिनट में पूरी कर एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
मामा श्रवण विश्नोई ही कर रहे ट्रेंड
पूजा के मामा श्रवण विश्नोई ही उन्हें ट्रेंड कर रहे हैं। पूजा में रनिंग और सिक्स पैक एब्स बनाने की ललक भी उन्होंने ने ही जगाई थी। पूजा के नाम का एक इंस्टाग्राम पेज भी है। इसमें उनके प्रैक्टिस और एक्सारसाइज के सेशन को अपडेट किया जाता है। इसी पेज पर पूजा को देखकर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली काफी प्रभावित हुए और उन्होंने खुद पूजा से मुलाकात की। इतना ही नहीं विराट कोहली फाउंडेशन ने अब पूजा की यात्रा, न्यूट्रिशन, ट्रेनिंग आदि का सारा खर्च उठाने का जिम्मा भी संभाल रखा है।
तड़के 2 बजे से शुरू कर देती हैं प्रैक्टिस
महज 4 साल की उम्र में प्रैक्टिस शुरू कर देने वाली पूजा आज भी सुबह 3 बजे उठकर अभ्यास शुरू कर देती हैं। 3-4 घंटे की प्रैक्टिस के बाद वह सुबह 7 बजे स्कूल जाती हैं। शाम को भी पूजा 3 से चार घंटे रनिंग करती हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.