तमाम बंदिशों की बावजूद मुस्लिम परिवार की एक बेटी ने पुलिस सेवा में जाने का फैसला किया। समाज के लोगों ने इस बात को लेकर उसे उलाहना भी दिया, लेकिन परिवार बेटी के साथ मजबूती से खड़ा रहा। परिवार की हौसलाअफजाई का ही नतीजा था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर की बेटी ऐमन जमाल ने यूपीएससी 2019 की परीक्षा पास की और आईपीएस बनने का अपना सपना पूरा किया। सीएम योगी ने ऐमन को मुस्लिम लड़कियों का रोल मॉडल बताते हुए उनकी तारीफ की है। आइए जानते हैं ऐमन के बारे में ...
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर के खूनीपुर मोहल्ले में रहने वाली ऐमन जमाल के पिता हसन जमाल कारोबारी हैं। उनकी मां अफरोज बानो प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका हैं। ऐमन जमाल ने प्राथमिक से 12वीं कक्षा तक कार्मल गर्ल्स इंटर कॉलेज में पढ़ाई की। वर्ष 2004 में 63 फीसदी अंकों के साथ हाईस्कूल और वर्ष 2006 में 69 प्रतिशत अंकों के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। सेंट एंड्रयूज कॉलेज से जंतु विज्ञान विषय से 2010 में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की। आईपीएस पद पर चयन से पूर्व ऐमन केंद्रीय श्रम विभाग में सहायक श्रमायुक्त के पद पर तैनात थीं। 2017 से ऑर्डिनेंस क्लोदिंग फैक्ट्री में सहायक श्रमायुक्त पद पर कार्य करते हुए वह भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी करती रहीं। 2019 में प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने सामाजिक विज्ञान विषय से मुख्य परीक्षा दी। साक्षात्कार के बाद 499वीं रैंक हासिल की और भारतीय पुलिस सेवा में उनका चयन हुआ।
पुलिस सेवा में जाने के फैसले से खुश नहीं थे कुछ लोग
मुस्लिम समाज की रवायतें पुलिस अफसर बनने में कितनी रोड़ा बनीं? इस बारे में पूछने पर ऐमन जमाल कहती हैं कि जब आप कुछ अलग करना चाहते हैं, तो कुछ लोग विरोध करते ही हैं। समाज के कुछ लोगों ने भी पुलिस सेवा में जाने की बजाय आईएएस बनने की सलाह दी। पुलिस सेवा के बारे में तमाम तरह की बातें बताईं, लेकिन मेरे परिवार ने पूरा साथ दिया। पूरे परिवार की इच्छा थी कि मैं आईएएस या आईपीएस बनूं। इससे मुझे काफी सहूलियत हुई।
सीएम योगी ने ऐमन को सराहा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐमन जमाल का भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में चयन होने पर शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने ऐमन जमाल से गोरखनाथ मंदिर मुलाकात की और सफलता की बधाई देते हुए कहा कि ऐमन अपने समाज विशेषकर मुस्लिम लड़कियों के लिए रोल मॉडल हैं। उन्होंने ऐमन के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। चाचा राशिद कमाल सामानी (प्रबंधक एमएसआई इंटर कॉलेज) के साथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचीं ऐमन जमाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट के बाद उत्साहित नजर आईं।
धैर्य और सही मार्गदर्शन से मिलती है सफलता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुस्लिम लड़कियों का रोल मॉडल बताए जाने से उत्साहित ऐमन जमाल कहती हैं कि सफलता पाने का मूल मंत्र योजना, धैर्य और सही मार्गदर्शन है। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वालों को उन्होंने प्रिलिम्स और मुख्य परीक्षा के टिप्स दिए। प्रिलिम्स परीक्षा के लिए समसामयिकी की तैयारी महत्वपूर्ण है। अखबार, प्रतियोगी पुस्तकों के अलावा ऑनलाइन पढ़ाई महत्वपूर्ण है। ऑनलाइन माध्यमों पर विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण मैटर उपलब्ध है। जरूरत है सही मार्गदर्शन की जिससे यह पता चले कि कौन सी जानकारी कहां से बेहतर और कम समय में हासिल होगी। मुख्य परीक्षा के लिए सभी विषयों की स्तरीय पठन सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध है। उन्होंने ढाई साल में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और सफलता हासिल की।
केरल की महिला आईपीएस मेरिन जोसेफ बनी प्रेरणा
ऐमन से यह पूछने पर ही उन्होंने पुलिस सेवा को ही क्यों चुना, तो वह बड़ी बेबाकी से कहती हैं कि पुलिस विभाग की कुछ समस्याओं का स्थायी समाधान महिला पुलिस अफसर ही कर सकती हैं। इसके लिए उन्होंने महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों का जिक्र किया। कहा कि महिलाओं और बच्चों की संवेदनाओं और मनोविज्ञान को एक महिला पुलिस अफसर ज्यादा आसानी से समझ सकती हैं। केरल कैडर की महिला आईपीएस मेरिन जोसेफ ने खाड़ी देशों में बच्चों की तस्करी पर जो कार्य किया, उससे वह काफी प्रभावित हुईं। वहीं से ऐमन के मन में पुलिस अफसर बनने की इच्छा जाग उठी और सिविल सेवा में उन्होंने आईएएस के बाद आईपीएस को दूसरी वरीयता में रखा।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.