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बलिया की बिटिया ने गिनीज बुक रिकार्ड में दर्ज कराया नाम

Published - Tue 22, Dec 2020

नेहा सिंह ने खनिज रंगों से भगवद्गीता पर आधारित ‘मोक्ष का पेड़’ नामक पेंटिंग बनाकर यह उपलब्धि हासिल की है। जिले के डीएम ने नेहा के घर जाकर उन्हें बधाई दी और प्रमाणपत्र का विमोचन किया। साथ ही बलिया समेत प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए उनकी पीठ थपथपाई।

neha singh

रसड़ा (बलिया)। रसड़ा के ग्राम डेहरी की बेटी नेहा सिंह ने खनिज रंगों से भगवद्गीता पर आधारित ‘मोक्ष का पेड़’ नामक पेंटिंग बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। 18 नवंबर 2020 को ये उपलब्धि हासिल करने वाली नेहा जिले की पहली शख्स है। दिसंबर में सर्टिफिकेट मिलने पर रविवार को नेहा के घर पहुंचे जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने उन्हें बधाई दी तथा सर्टिफिकेट का विमोचन किया। 
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में अध्ययन कर रही नेहा गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज कराने के लिए 2019 से तैयारी कर रही थी। लॉकडाउन में घर आने के बाद नेहा ने अप्रैल से घर पर खनिज रंगों से पेंटिंग बनानी शुरू की। इसका आकार 62.72 स्क्वायर मीटर है। पेंटिंग जुलाई में गिनीज के नियमों के अनुसार तैयार  हो गया। इसके बाद नेहा ने सारा डाक्यूमेंट्स  ऑनलाइन जमा कर दिया था। हालांकि कोविड-19 के चलते गिनीज से जवाब आने में चार महीने का समय लग गया था।

पहले यह रिकॉर्ड विजयवाड़ा की श्रेया तातिनेनी के नाम था

पहले यह रिकॉर्ड भारत के ही आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा की रहने वाली श्रेया तातिनेनी के नाम था। जिन्होंने 29 सितंबर, 2019 को 54.67 स्क्वायर मीटर यानी 588.56 स्क्वायर फीट में खनिज रंगों से पेंटिंग बनाई थी। नेहा ने बताया कि श्रेया तातिनेनी का रिकॉर्ड  तोड़ने के लिए उसने उसी समय आवेदन किया था। करीब आठ अलग-अलग पेंटिंग नकारने के बाद गिनीज रिकॉर्ड से अनुमति मिलने के बाद उसने भगवद्गीता पर आधारित पेंटिंग बनाई।

18 अध्यायों को 18 शाखाओं में दर्शाया

पेंटिंग में भगवद्गीता के 18 अध्यायों को, पेड़ के 18 शाखाओं में दर्शाया गया है। वहीं  एक-एक शाखाओं में 1 से 18 पत्तों का चित्रण, सबसे ऊपर कमल एवं ॐ से मोक्ष प्राप्ति का चित्रण किया गया है।

बेचनी पड़ी पेंटिंग

बीएसएफ में कार्यरत बुटन सिंह की बेटी नेहा को यह उपलब्धि हासिल करने के लिए अपनी पेंटिंग बेचनी पड़ी। उसने पिछले सात सालों में तैयार अपनी कई पेंटिंग को मुंबई के एक चित्रकला के एक व्यापारी को बेच दी। नेहा की प्रवासी भारतीय दिवस पर बनाई पंच तत्व की पेंटिंग अमेरिका से आये एक अतिथि ने खरीदा था।

कई रिकॉर्ड है नेहा के नाम

जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि नेहा सिंह ने पहला रिकॉर्ड 10 अगस्त 2017 में  ‘16 लाख मोतियों से 10.11 फुट का भारत का नक्शा’ बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में दर्ज किया है।  दूसरा रिकॉर्ड 30 सितंबर 2018 में ‘449 फीट कपड़े पर 38,417 डॉट कर उंगलियों के निशान से हनुमान चालीसा’ लिख कर यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। तीसरा रिकॉर्ड एक दिसंबर 2020 में दुनिया का पहला दशोपनिषद् एवं महावाक्य का डिजिटल प्रिंटेड एलबम बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराया है।