भवानी देवी ने सेबर स्पर्धा की तलवारबाज ने विश्व रैंकिंग के आधार पर यह उपलब्धि हासिल की है। वह रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने में नाकाम रही थीं। उन्होंने इसके बाद ओलंपिक के सपने को पूरा करने के लिए इटली में कोच निकोला जानोट्टी से ट्रेनिंग लेनी जारी रखी।
तमिलनाडु की 27 वर्षीय तलवारबाज सी ए भवानी देवी ने रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करवा लिया। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर यह उपलब्धि हासिल की। वह ओलंपिक का टिकट कटाने वाली पहली भारतीय तलवारबाज हैं। सेबर स्पर्धा की तलवारबाज भवानी ने हंगरी में चल रहे विश्व कप के दौरान क्वालिफाई किया। मेजबान देश की टीम क्वार्टर फाइनल में हार गई जिसके बाद दक्षिण कोरिया सेमीफाइनल में पहुंच गया। इसके बाद भवानी ने समायोजित आधिकारिक रैंकिंग (एओआर) के आधार पर खेलों के महाकुंभ में खेलने का हक पाया। एशिया और ओसियाना क्षेत्र के लिए विश्व रैंकिंग के आधार पर पांच अप्रैल 2021 तक दो कोटे थे। भवानी की रैंकिंग 45 है। उन्होंने इनमें से एक कोटा हासिल कर लिया। हालांकि भवानी के आधिकारिक क्वालिफिकेशन पर मुहर पांच अप्रैल को रैंकिंग जारी होने पर लगेगी। भवानी रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने में नाकाम रही थीं। उन्होंने इसके बाद ओलंपिक के सपने को पूरा करने के लिए इटली में कोच निकोला जानोट्टी से ट्रेनिंग लेनी जारी रखी।
एशियन चैंपियनशिप में जीता था कांसा
भवानी ने दसवीं कक्षा के बाद केरल के थालाससेरी के साई केंद्र में ट्रेनिंग करना शुरू किया। 14 साल की उम्र में वह तुर्की में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने पहुंची थी लेकिन वहां तीन मिनट की देरी से पहुंचने के कारण उन्हें ब्लैक कार्ड देकर वापस भेज दिया गया था। साल 2010 में उन्होंने फिलिपींस में हुई एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। भवानी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 07 पदक (3 रजत, 4 कांस्य) जीते हैं। इसके आलवा 08 बार राष्ट्रीय चैंपियन रही हैं।
गो स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने की ममद
भवानी को इस मुकाम तक पहुंचने में गो स्पोर्ट्स का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। साल 2015 में राहुल द्रविड़ एथलीट मेंटरशिप प्रोग्राम के तहत 15 एथलीटों को चुना गया था। इन 15 में भवानी देवी भी शामिल थी। इसी प्रोग्राम के तहत उन्होंने तलवारबाजी के गुर सीखे। लॉकडाउन में जब सबकुछ बंद था उस समय गो स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने भवानी के घर पर उनकी ट्रेनिंग की व्यवस्था की। उनके घर पर फिटनेस और खेल के लिए जरूरी उपकरणों की उपलब्ध करवाए। इस दौरान तनाव से उबरने के लिए योग सत्र की भी व्यवस्था की। जब लॉकडाउन में थोड़ी ढील मिली तो उन्हें वापस इटली ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। इसका खर्चा भी गो स्पोर्ट्स ने ही उठाया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.