महिलाओं के बॉडी बिल्डिंग करने को ज्यादा तरजीह भी नहीं मिलती। इन सभी परेशानियों के बीच देहरादून में रहने वाली भारत की बेटी भूमिका शर्मा ने इसे अपने प्रोफेशन के तौर पर चुना और वैश्विक मंच पर 50 देशों से आईं महिला प्रतिभागियों को पछाड़कर बॉडी बिल्डिंग के मिस वर्ल्ड का खिताब अपने नाम कर लिया।
नई दिल्ली। भारत में आज भी बॉडी बिल्डिंग को पुरुषों का शौक और पेशा माना जाता है। महिलाएं इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेती हैं। जिम जाने वालीं ज्यादातर महिलाओं का फोकस केवल अपनी फिटनेस पर होता है। बॉडी बिल्डिंग के बारे में न तो वे सोचती हैं और न ही इस बारे में बात करना चाहती हैं। महिलाओं के बॉडी बिल्डिंग करने को ज्यादा तरजीह भी नहीं मिलती। इन सभी परेशानियों के बीच देहरादून में रहने वाली भारत की बेटी भूमिका शर्मा ने इसे अपने प्रोफेशन के तौर पर चुना और वैश्विक मंच पर 50 देशों से आईं महिला प्रतिभागियों को पछाड़कर बॉडी बिल्डिंग के मिस वर्ल्ड का खिताब अपने नाम कर लिया। 21 वर्ष की उम्र में यह खिताब अपने नाम करने वाली भूमिका भारत की पहली महिला हैं। 2017 में यह उपलब्धि हासिल करने के बाद से अब तक भूमिका कई अवार्ड अपने नाम कर चुकी हैं। भूमिका को भारत सरकार द्रोणाचार्य अवार्ड से भी सम्मानित कर चुकी है।
2017 में इटली में हुई थी प्रतियोगिता
साल 2017 में इटली के वेनिस में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में भूमिका ने दुनियाभर से आई 50 महिलाओं को हराकर ये खिताब जीता। इस चैंपियनशिप में उन्हें बॉडी पोजिंग में सबसे ज्यादा अंक मिले थे। भूमिका ने पहली बार में ही यह सफलता हासिल की है। भूमिका वर्ल्ड यूनिवर्स चैंपियनशिप की तैयारी भी कर रही हैं। भूमिका वर्ल्ड अमेच्योर बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन कॉम्पिटिशन में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं।
रोजाना 7 घंटे तक बहाया पसीना
भूमिका पहले शूटिंग में करियर बनाने वाली थीं, लेकिन अचानक उनका रुझान बॉडी बिल्डिंग की ओर चला गया। भूमिका इस मुकाम पर पहुंचने के लिए रोजाना 7 घंटे का वर्कआउट करती थीं। इसके साथ ही वो सुबह जल्दी उठती थीं। भूमिका ने बताया अपने आप को इस काबिल बनाने के लिए उन्होंने सबसे ज्यादा ध्यान अपनी डाइट का रखा। वो बेहद स्ट्रिक्ट डाइट प्लान फॉलो करती हैं। भूमिका ने बताया आम लड़कियों की ही तरह उनकी बॉडी में भी काफी फैट था। वर्कआउट और स्ट्रैचिंग से उन्होंने काफी फैट बर्न किया।
लोगों ने उड़ाया मजाक, पर पीछे नहीं हटीं
बॉडी बिल्डिंग और मस्कुलर शरीर के लिए उनका काफी मजाक बनाया गया। यहां तक की राह चलते भी लोगों ने कमेंट किया। लेकिन भूमिका ने कभी इसकी परवाह नहीं की और अपने लक्ष्य पर फोकस रहीं। भूमिका ने इन बातों की वजह से कभी अपनी तैयारी को रुकने नहीं दिया। भूमिका ने लगातार रनिंग की, वेट लिफ्टिंग पर फोकस किया। इतना की नहीं शरीर में जानें वाली एक-एक कैलोरी का हिसाब तक रखा।
मां से मिली प्रेरणा
भूमिका को बॉडी बिल्डिंग की प्रेरणा उनकी मां हंसा से मिली। उनकी मां ही उनकी कोच हैं और वे भारतीय महिला वेटलिफ्टिंग टीम की कोच हैं। भूमिका को शुरुआत में शूटिंग पसंद थी और वे इसी में करियर बनाना चाहती थीं, लेकिन फिर उनका रुझान बॉडी बिल्डिंग में हुआ और वह इसमें रम गईं। भूमिका के मुताबिक बॉडी बिल्डिंग करना उनके लिए आसान नहीं रहा। उनके माता-पिता इसके लिए राजी नहीं थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.