कहते हैं अगर मौका मिले तो महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे निकल सकती हैं लेकिन उन्हें यह मौका नहीं मिलता। क्रिकेट में तो अभी तक पुरूषों का ही वर्चस्व है, ऐसे में पोलोसाक पुरुषों के मैच में अंपायरिंग करने वाली पहली विश्व की पहली महिला हैं।
नई दिल्ली। क्लेयर एंटोनिया पोलोसाक एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट अंपायर हैं। वह पुरूषों की टेस्ट सीरीज और वनडे में भी अंपायरिंग कर चुकी हैं। ऐसा करने वाली वह विश्व की पहली महिला हैं। उन्हें जनवरी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए चार टेस्ट मैचों की सीरीज में भी अंपायरिंग की थी। इससे पहले वह वनडे में भी ऐसा कर चुकी हैं। जनवरी 2017 में वह चार महिला अंपायरों में से एक थीं, जिन्हें आईसीसी ने 2017 महिला क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर के मैचों के लिए चुना था।
वनडे में भी कर चुकी हैं अंपायरिंग
32 वर्षीय क्लेयर पोलोसाक इससे पहले पुरूषों के एकदिवसीय मैच में भी अंपायरिंग कर चुकी हैं। उन्हें यहां भी पहली महिला अंपायर बनने की उपलब्धि हासिल है। उन्होंने ये कारनामा 2019 में नामीबिया और ओमान के बीच चल रहे विश्व क्रिकेट लीग में किया था। जहां उन्होंने दो मैचों में अंपायरिंग की थी।
2016 से कर रही हैं
क्लेयर ने 2016 में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की महिला टीम के बीच हुए वनडे मैच से अंपायरिंग की शुरूआत की थी। क्लेयर पोलोसाक पिछले साल हुए वुमन्स टी-20 वर्ल्ड कप में भारत और इंग्लैड बीच हुए मैच में भी अंपायरिंग कर चुकी हैं। साथ ही वुमन्स वनडे वर्ल्ड कप के 4 मैच में भी उन्होंने अंपायरिंग की हुई है। क्लेयर अंपायर के अलावा एक स्कूल में शिक्षिका हैं।
ऐसे किया जाता है अंपायरों का चयन
आईसीसी के नियमों के अनुसार चौथे अंपायर को घरेलू क्रिकेट बोर्ड से नियुक्त किया जाता है। इसके लिए आईसीसी अंपायरों के एक अंतरराष्ट्रीय पैनल को नियुक्त करता है, जो घरेलू क्रिकेट बोर्ड से आए प्रतिभागियों में से सबसे उपयुक्त प्रतिभागी को चुना जाता है।
चौथे अंपायर का क्या होता है काम
मुख्य रूप से चौथे अंपायर का काम मैदान में नई गेंद लाना, अंपायरों के लिए ड्रिंक ले जाना, लंच और चाय के दौरान पिच की देखभाल और लाईटमीटर से रोशनी की जांच करने जैसी चीजें शामिल हैं। वहीं अगर किसी परिस्थिति में मैदान पर खड़ा अंपायर हट जाता है तो उसके जगह पर तीसरे अंपायर यानी कि टेलीविजन अंपायर आ जाता है और उसकी जगह पर चौथा अंपायर काम करने लगता है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.