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कोरोना के कहर के बीच इटली से 263 भारतीयों को वापस लाईं स्वाति

Published - Thu 26, Mar 2020

कोरोना के कहर के बीच जहां पूरा देश लॉकडाउन हैं, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी ड्यूटी पूरी शिद्दत से निभा रहे हैं। इसी में शामिल हैं पायलट स्वाति रावल। जिन्हें पूरा देश सलाम कर रहा है।

pilot swati

नई दिल्ली। कोरोना के कहर के बीच जहां पूरा देश लॉकडाउन हैं, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी ड्यूटी पूरी शिद्दत से निभा रहे हैं। इसी में शामिल हैं पायलट स्वाति रावल। जिन्हें पूरा देश सलाम कर रहा है। उन्होंने इटली में फंसे 263 भारतीयों को लाने में झट में हां कर दी और जब वह उन भारतीयों को लेकर हिंदुस्तान की धरती पर पहुंचीं तो हर तरफ उनकी जय-जयकार होने लगी।  
गुजरात की रहने वाली एयर इंडिया की कॉमर्शियल पायलट स्वाति रावल को जब इटली जाने की सूचना दी गई तो उन्होंने हां कहने में जरा भी देर नहीं लगाई। कोरोना वायरस यानी कोविड-19 के प्रकोप से तबाह हुए इटली में फंसे 263 भारतीयों को लेकर जब स्वाति देश में पहुंची तो सिर्फ गुजरात के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए यह गर्व का क्षण था। इन भारतीयों की सुरक्षित वापसी ने न केवल सैकड़ों भारतीयों और उनके परिवारों में उम्मीद जगाई बल्कि पूरे विश्व को यह संदेश भी दिया कि खतरा चाहे कितना भी बड़ा हो, भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से सजग है। 

बेटी को फैसले से कोई दिक्कत नहीं थी 

इस बारे में स्वाति के पिता एस डी रावल ने कहा, 'जब उसे (स्वाति) 22 लोगों के क्रू के साथ इटली जाने के लिए कहा गया, उसके बाद 21 मार्च की शाम को उसने मुझे फोन किया। मैंने उससे पूछा कि उसने क्या फैसला किया तो उसने बताया कि वह जाने के लिए तैयार है।'

'मुझे अपनी बेटी पर गर्व'

रावल ने कहा, 'मैं एक फॉरेस्ट ऑफिसर रहा हूं और हर परिस्थिति में सरकारी ड्यूटी पर मौजूद रहा हूं और मुझे गर्व है कि मेरी बेटी ने भी ऐसा ही किया। वह निडर है।' रावल ने कहा कि जब स्वाति ने विमान से इटली के लिए उड़ान भरी, उसके बाद सभी यात्री तैयार थे और वह उन्हें वापस दिल्ली ले आई। उन्होंने कहा, 'मैं इस दौरान उसे लेकर चिंतित था लेकिन जिस तरह से वह और उसके क्रू मेंबर्स बहादुरी से सभी यात्रियों को सुरक्षित घर वापस लाए, वह सराहनीय है।' दो बच्चों की मां स्वाति ने रायबरेली से  कॉमर्शियल पायलट की ट्रेनिंग ली थी और वह 2006 से एयर इंडिया के साथ काम कर रही है।