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कोरोना वॉरियर्स : उदास जिंदगी में रंग भर रही हैं हीता

Published - Fri 24, Apr 2020

अमेरिका में कोरोना वायरस के कहर और लॉकडाउन के दंश के बीच भारत की बिटिया हीता गुप्ता उदास, निराश लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम कर रही हैं।

heeta gupta

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने अमेरिका में ऐसा हाहाकार मचाया कि पूरा अमेरिका ही इस महामारी के सामने नतमस्तक है। वहां के निवासी समझ नहीं पा रहे हैं कि देश को किसी नजर लग गई। लोग घरों में कैद होकर पल-पल जल्द सबकुछ ठीक होने की दुआ कर रहे हैं। लेकिन इस लॉकडाउन में कुछ लोग और बुर्जुग ऐसे भी हैं, जिनका हाल लेने वाला अपना कोई नहीं है और अगर है, तो उसने उनसे नाता तोड़ लिया है। लॉकडाउन के कारण वहां के अस्पतालों में अन्य बीमारियों का उपचार कर रहे बुजुर्गों और बच्चों के बीच अकेलेपन और निराशा की भावना है, लेकिन एक भारतीय बिटिया ऐसे लोगों के चेहरे पर मुस्कान लगाने का काम कर रही है। हीता उनके जीवन में रंग भरने के लिए उन्हें प्रेरणादायक चिटिठयां लिखती हैं और उनके लिए तोहफे भी भिजवाती हैं।

एनजीओ चलाती हैं हीता
हीता की उम्र महज 15 साल और कक्षा दसवीं में पढ़ाई कर रही हैं, लेकिन उनके हौसले किसी से कम नहीं हैं। इतनी कम उम्र में एनजीओ  ‘ब्राइटनिंग अ डे' शुरू करने वाली नीता भारतीय-अमेरिकी मूल की हैं। वो एनजीओ के माध्यम से अमेरिका के नर्सिंग होम में रहने वाले वृद्धजनों और बच्चों के लिए काम कर रही हैं। हीता ऐसे लोगों को न केवल अपने हाथ से लिखे रंगीन पत्र भेजती हैं, बल्कि उनको तोहफे भी भिजवाती हैं। ये असहाय लोग वो लोग हैं, जो अपने परिवारवालों से नहीं मिल सकते या उनका दुनिया में कोई नहीं है।
खुद शुरू की पहल
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच हीता के मन में उन लोगों को ख्याल आया जो अकेलेपन का शिकार हैं। खासक ऐसे वरिष्ठ नागरिक जो अकेलेपन का शिकार हैं और उनका सुख-दुख बांटने वाला कोई नहीं है। ऐसे लोगों के बारे में ही सोचकर हीता ने पहले खुद के खर्चे पर अस्पतालों में तोहफे भेजना शुरू किया। फिर अन्य लोगों की मदद से उन्होंने इस काम को आगे बढ़ाया। उनके छोटे भाई दिवित छोटे बच्चों के लिए कलरफुल लैटर लिखते हैं, जो अब तक  2,700 से अधिक बच्चों तक पहुंच बना चुका है। हीता और उनके साथियों ने भारत के अनाथालयों और स्कूलों में भी कार्ड और स्कूल संबंधी सामान भेजा है।

अमेरिकी दूतावास कर चुका है तारीफ
संकट के इस समय में उदास चेहरों पर मुस्कान लाने वाली हीता के प्रयासों की सराहना खुद अमेरिकी दूतावास भी कर चुका है। नयी दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ''कुछ प्रेरणा चाहिए? अमेरिका, पेन्सिलवेनिया की 15 वर्षीय हीता गुप्ता अपने एनजीओ ‘ब्राइटेन अ डे' के जरिए तोहफों के साथ नर्सिंग होम में रहने वाले लोगों की जिंदगियों को खुशियों से भर रही हैं।