खेल दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों अर्जुन अवॉर्ड पाने वालीं पूनम ने न सिर्फ खेल का बल्कि प्रदेश का नाम भी ऊंचा किया है। पूनम यादव यह अवार्ड पाने वाली यूपी की पहली महिला किक्रेटर हैं। क्रिकेट में कमाल करने वाली पूनम यादव ने आगरा के लिए अवार्ड का जैसे सूखा खत्म कर दिया है। तेईस साल बाद यह अवार्ड आगरा की झोली में आया है।
आगरा। यूपी के खिलाड़ी तो दमदार होते ही हैं, लेकिन यूपी की खिलाड़ी बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं। आगरा की महिला क्रिकेटर पूनम यादव ने इस बात को साबित कर दिया है। खेल दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों अर्जुन अवॉर्ड पाने वालीं पूनम ने न सिर्फ खेल का बल्कि प्रदेश का नाम भी ऊंचा किया है। पूनम यादव यह अवार्ड पाने वाली यूपी की पहली महिला किक्रेटर हैं। क्रिकेट में कमाल करने वाली पूनम यादव ने आगरा के लिए अवार्ड का जैसे सूखा खत्म कर दिया है। तेईस साल बाद यह अवार्ड आगरा की झोली में आया है। बीसीसीआई की ओर से अवार्ड की सिफारिश के लिए भेजे गए नामों में एकमात्र महिला किक्रेटर पूनम हीं थीं। पूनम ने अपने करियर में कुल 41 वन डे मैच खेलकर 63 विकेट झटके हैं। वहीं पूनम ने 54 टी 20 मैच खेलकर 74 विकेट लिए हैं। 2018 में हुए महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में पूनम की घातक गेंदबाजी की सभी ने प्रशंसा की। पूनम ने पिछले सालों में हुए आईसीसी के सभी टूर्नामेंटों में बेहतरीन गेंदबाजी कर इंडियन टीम को कई मौकों पर जिताया है।
पूनम यादव ने पंचमढ़ी से अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद पिता का आगरा तबादला हो जाने के बाद पूनम का परिवार आगरा शिफ्ट हो गया। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति जूनूनी रहीं पूनम अपने मुहल्ले के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थीं। लड़कों को हरा भी देती थीं। क्रिकेट के प्रति उनकी लगन इतनी है कि उन्होंने कभी प्रैक्टिस को नहीं छोड़ा। परिवार में कोई आयोजन हो, त्योहार हो वह प्रेक्टिस जरूर करतीं। खेल के प्रति उनके जूनून ने ही उन्हें इस अवार्ड का हकदार बनाया। इंटरनेशनल क्रिकेटर बनने के पहले से पूनम रेलवे में जूनियर क्लर्क की जॉब कर रही हैं। क्रिकेटर बनने के लिए पूनम के अंदर इतना उत्साह है कि बचपन में वो रोज सुबह चार बजे उठकर दो घंटे स्टेडियम में प्रैक्टिस करने जातीं और उसके बाद स्कूल जातीं। आम लड़कियों की तरह उन्हें लड़कियों वाले खेल खेलना पसंद नहीं था। वो सिर्फ पढ़ाई और क्रिकेट पर ही ध्यान देतीं। शुरुआत में उनका आगरा मंडल में सिलेक्शन हुआ, फिर यूपी की टीम से खेलीं। वो अंडर-19 टीम की कैप्टन भी रह चुकी हैं। 5 अप्रैल 2013 को बांग्लादेश के खिलाफ वडोदरा में हुए टी-20 इंटरनेशनल मैच से करियर की शुरुआत की। करियर के पहले वनडे मैच में इन्होंने 15 रन देकर 3 विकेट लिए थे। यह इंडियन वुमेन क्रिकेट का चौथा बेस्ट वनडे डेब्यू रिकॉर्ड है। अर्जुन अवार्ड की दौड़ में पूनम ने पुरुष टीम के खिलाड़ियों को पछाड़कर इतिहास रच दिया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.