शैफाली वर्मा ऑस्ट्रेलिया में चल रहे आईसीसी महिला टी-20 क्रिकेट विश्व कप में अपनी तूफानी बल्लेबाजी से तो छाई ही हैं सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। शैफाली ने भारत की कामयाब सलामी जोड़ी रही वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर को भी अपनी आतिशी बल्लेबाजी से मुरीद बना लिया है। सचिन और सहवाग जैसे कई दिग्गजों ने सोशल मीडिया पर उनकी प्रतिभा की जी भर के तारीफ की है।
रोहतक की धाकड़ छोरी शेफाली वर्मा ने क्रिकेट की दुनिया में धूम मचा रखी है। महज 16 साल की शेफाली शहर के रेलवे रोड स्थित सुनारों वाली गली की रहने वाली हैं। शेफाली वर्मा ने अपनी प्रतिभा के दम पर ही इतनी छोटी उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाई है और अभी विश्व कप में खेल रही हैं और विपक्षियों के छक्के छुड़ा रखे हैं। आज बड़े-बड़े दिग्गज क्रिकेटर भी शेफाली की प्रतिभा के कायल हैं। शैफाली वर्मा ऑस्ट्रेलिया में चल रहे आईसीसी महिला टी-20 क्रिकेट विश्व कप में अपनी तूफानी बल्लेबाजी से तो छाई ही हैं सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। शैफाली ने भारत की कामयाब सलामी जोड़ी रही वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर को भी अपनी आतिशी बल्लेबाजी से मुरीद बना लिया है। सचिन और सहवाग जैसे कई दिग्गजों ने सोशल मीडिया पर उनकी प्रतिभा की जी भर के तारीफ की है। शैफाली वर्मा ने भी सचिन और सहवाग का उत्साह भरे शब्दों और सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया और भारतीय टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना जारी रखने का वादा किया। भारत की पूर्व क्रिकेटर डायना इडुलजी ने भी शैफाली की पारी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी आक्रामक सोच महिला क्रिकेट में ताजगी लाती है।
इस टी-20 विश्वकप को लेकर पेशे से सुनार शेफाली के पिता संजीव वर्मा कहते हैं कि, हमें विश्वास की है कि भारत की टीम ट्रॉफी पर कब्जा कर इतिहास रचेगी। इसमें शेफाली भी अपना योगदान जरूर देगी। लाहली में रणजी मैच खेलने आए सचिन तेंदुलकर को खेलते देखकर शेफाली ने क्रिकेटर बनने का दृढ़ निश्चय किया और आज वह देश के लिए उभरती उम्मीद है।
निजी प्रदर्शन से बढ़कर है टीम भावना
टी-20 विश्व कप के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद शेफाली वर्मा अपने पिता से बात करना नहीं भूलती हैं। पिता संजीव वर्मा की मानें तो शेफाली को अपने निजी प्रदर्शन से ज्यादा इस बात पर नाज है कि वह टीम के विजयी प्रदर्शन में योगदान दे रही हैं। टीम भावना शेफाली को अंदर से कुछ कर गुजरने की प्रिरणा दे रही है। संजीव के अनुसार वह शेफाली के अंदर टीम भावना को कूट-कूटकर भर रहे हैं। वह इस वक्त टीम की जरूरत के अनुसार खेल रही है।
सचिन का आर्शीवाद कर गया काम
शेफाली की ऑस्ट्रेलिया रवानगी से पूर्व संजीव ने यही ख्वाहिश जताई थी कि शेफाली सचिन तेंदुलकर को लाहली में खेलते देख क्रिकेटर बनी। वह आज तक सचिन से नहीं मिली है। अगर विश्व कप से पहले शेफाली को सचिन का आर्शीवाद मिल जाए तो वह विश्व कप में कमाल का प्रदर्शन करेगी। इसे सौभाग्य ही कहेंगे कि सचिन की ऑस्ट्रेलिया में शेफाली से मुलाकात हो गई। संजीव के मुताबिक शेफाली ने सचिन को बताया कि वह और उनका पूरा परिवार उनका बहुत बड़ा प्रशंसक है। इसके बाद शेफाली ने उनके साथ फोटो की इच्छा जताई। सचिन ने शेफाली को विश्व कप के लिए शुभकामनाएं भी दीं। यह कमाल ही है कि इसके बाद शेफाली का बल्ला विश्व कप में जमकर चल रहा है।
तेज गेंद से घबराती नहीं है शेफाली
संजीव के मुताबिक शेफाली का कमाल का स्ट्राइक रेट लड़कों के साथ प्रैक्टिस करने का नतीजा है। वह तेज गेंद से घबराती नहीं है। उसकी हमेशा गेंद पर प्रहार करने की रणनीति रहती है। तेज गेंद शरीर पर खाने के बावजूद वह इसका अहसास नहीं होने देती। रणजी क्रिकेटर अश्वनी कुमार और अमन कुमार की अकादमी में भी शेफाली तेज गेंदबाजों पर आक्रामक प्रहार की प्रैक्टिस करती हैं।
दो साल से लड़कों के साथ की नेट प्रेक्टिस
जब शेफाली ने खेलना शुरू किया तो वह छोटी उम्र में ही बहुत बढ़िया खेलती थी। साथ खेलने वाली लड़कियां बेहतर खिलाड़ी थी, लेकिन शेफाली में उनसे अधिक क्षमता थी। यह देख उन्होंने उनकी प्रेक्टिस लड़कों के साथ करवानी शुरू कर दी। दो ढाई साल से उन्होंने बल्ले का अभ्यास लड़कों की गेंदबाजी पर ही किया है। अंडर-19, अंडर-23 व रणजी खिलाड़ियों की गेंदों को उन्होंने खूब अभ्यास किया, जिस कारण ही उनका गेम सबसे अलग है।
क्रिकेट एकेडमी का रहा अहम योगदान
शेफाली ने करीब 12 साल की उम्र में 2016 में शहर के झज्जर रोड स्थित हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से चलाई जा रही श्री रामनारायण क्रिकेट एकेडमी से क्रिकेट खेलने की शुरुआत की। पिता संजीव वर्मा ने बताया कि एकेडमी के कोच अश्विनी शर्मा और अमन शर्मा ने शेफाली के खेल को तकनीकी रूप से बहुत सुधारा है।
सचिन का रिकॉर्ड तोड़ा
शेफाली ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की टीम में डेब्यू किया था, जिसके बाद उसने लगातार शानदार प्रदर्शन किया। वेस्टइंडीज दौरे पर शेफाली ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का तीस साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सबसे कम उम्र में अर्धशतक जड़कर नया कीर्तिमान रचा। इस शृंखला में शेफाली ने 158 रन बनाए थे और पांच मैचों की सीरीज में प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब प्राप्त किया। उसके बाद शेफाली ने आस्ट्रेलिया की भूमि पर आस्ट्रेलिया ए और इंडिया ए के बीच हुई प्रतियोगिता में 78 गेंदों पर 128 रनों की धमाकेदार पारी खेली। इसके बाद हाल ही में हुई भारत, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया की ट्राई सीरीज में भी शेफाली ने शानदार प्रदर्शन किया। इन्हीं धमाकेदार बल्लेबाजी की बदौलत शेफाली का विश्व कप के लिए भारत की टीम में चयन किया गया है।
सचिन तेंदुलकर को देख लेदर बॉल से खेलना किया था शुरू
शेफाली के पिता संजीव वर्मा ने बताया कि शेफाली ने आठ वर्ष की आयु में उनके साथ ही खेलना शुरू किया था। वह और शेफाली ही आपस में खेलकर प्रैक्टिस करते थे। उनको खुद भी क्रिकेट और अन्य खेलों का शौक था। आठ से दस साल की उम्र में शेफाली ने टेनिस बॉल से खेला, जब शेफाली दस साल की थी तो उसने लाहली क्रिकेट स्टेडियम में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को खेलते देखा और लेदर की बॉल से खेलना शुरू किया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.