Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

टैंकर चलाती हैं केरल की डेलिशा, लोग देखकर हो जाते हैं हैरान

Published - Wed 23, Jun 2021

केरल की रहने वाली डेलिशा डेविस टैंकर चलाती हैं। पहले वह पढ़ाई करने के साथ-साथ हर शनिवार को टैंकर चलाती थी, लेकिन अब रोज चलाती हैं। उनके पिता उनकी सहायक की भूमिका में होते हैं। पिछले दिनों एक मोटर वाहन निरीक्षक ने टैंकर उन्हें रोका, लेकिन लाइसेंस देखने के बाद वह आश्चर्यचकित हो गया।

delisha devis

नई दिल्ली। डेलिशा केरल में त्रिशूर की रहने वाली हैं। उनके अनुसार मेरे पिता तेल का टैंकर चलाते हैं, जिससे हमारी आजीविका चलती है। वर्तमान में मैं वाणिज्य विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हूं। मुझे बचपन से ही ड्राइविंग का शौक रहा है। स्कूल में पढ़ने के दौरान छुट्टी के दिनों में कई बार पिता जी के साथ मैं एक-दो दिन की यात्राओं पर निकल जाती थी। पिता के साथ जाते-जाते मुझे टैंकर और लॉरी चलाने में दिलचस्पी हो गई। ड्राइविंग का प्रशिक्षण मुझे उन्हीं से ही मिला। मेरे पास दोपहिया, चार पहिया और छह पहिया वाहन चलाने का लाइसेंस है। मुझे नहीं पता कि केरल में किसी और महिला के पास भारी वाहन चलाने का लाइसेंस है या नहीं। मुझे यह नहीं पता था कि पिछले तीन वर्षों में किसी ने मुझे टैंकर चलाते हुए नहीं देखा, जबकि मैं प्रत्येक शनिवार को तीन सौ किलोमीटर की दूरी टैंकर से तय करती थी। शुरुआत में लगातार गाड़ी चलाना आसान नहीं था, पर मैंने कभी हार मानने के बारे में नहीं सोचा, क्योंकि इसे मैंने बहुत मुश्किल से सीखा है।

अधिकारी को हुआ आश्चर्य

दरअसल पेट्रोल या डीजल ले जाने वाले वाहनों को मोटर वाहन निरीक्षकों द्वारा नहीं रोका जाता, क्योंकि वे आवश्यक वस्तुएं हैं। कुछ सप्ताह पहले एक अधिकारी ने मुझे टैंकर चलाते हुए देखा, तो अगले चेकिंग पॉइंट पर अधिकारियों को यह मानकर सतर्क कर दिया कि मेरे पास लाइसेंस नहीं है। अधिकारी द्वारा मुझे रोके जाने पर जब मैंने उसे अपना लाइसेंस और अन्य दस्तावेज दिखाए, तो वह अचंभित हो गया। 

आसान नहीं है ड्राइविंग

पहले मैं हर शनिवार को टैंकर चलाती थी, क्योंकि अन्य दिनों मेरी कक्षाएं चलती थीं, लेकिन पिछले वर्ष जब कोविड-19 के चलते लॉकडाउन हुआ, तो कक्षाएं ऑनलाइन हो गईं, तब मैंने प्रतिदिन टैंकर चलाना शुरू किया और मेरे पिता ने सहायक की जिम्मेदारी निभाई। टैंकर चलाना जोखिम भरा काम है। चूंकि इसमें ईंधन भरा होता है, ऐसे में एक दुर्घटना खतरनाक साबित हो सकती है। शुरुआत में मैंने खाली सड़कों पर खाली टैंकर चलाना सीखा।  

सरकारी नौकरी का सपना

कई बार कुछ लोग मुझ पर तंज कसते हैं, लेकिन ऐसे लोगों को नजर अंदाज करना ही मैं बेहतर समझती हूं। निकट भविष्य में मैं वॉल्वो बस चलाना चाहती हूं, पर चूंकि उसका प्रशिक्षण बंगलूरू में ही संभव है, इसलिए मैं केरल राज्य सड़क परिवहन निगम में ड्राइवर की नौकरी पाने की तैयारी कर रही हूं।