Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

एलावेनिल को पहले बहुत बोरिंग लगती थी शूटिंग

Published - Tue 27, Jul 2021

एलावेनिल वलारिवन को शुरूआती दौर में शूटिंग का खेल बेहद बोरिंग लगता था लेकिन एक बार जब उन्होंने स्कूल स्पर्धा में भाग लिया और कांस्य जीता तो उनका नजरिया हमेशा के लिए बदल गया।

elavenil valarivan

नई दिल्ली। शुरूआती दौर में एलावेनिल वलारिवन को शूटिंग का खेल बेहद ऊबाउ लगता था, उन्होंने अपने माता-पिता से साफतौर पर कह दिया था यह उनकी नियति नहीं होगी। बतौर एलावेनिल पिता जी के दोस्तों ने बताया कि उनकी बेटी शूटिंग में प्रशिक्षण ले रही है। मेरे पिताजी ने इसमें दिलचस्पी ली और हम वहां शूटिंग देखने गए। अपार्टमेंट के एक कमरे में एक अस्थायी रेंज में हमने एक सीनियर लड़की को शूटिंग की पूरी पोशाक में राइफल के साथ शूटिंग करते देखा। इस सेटअप ने उन्हें चौंकाना तो दूर, बिल्कुल भी प्रभावित नहीं किया। मैंने अपने माता-पिता को वहां से चलने को कहा। पिताजी ने कहा कि इस खेल में हाथ आजमाओ, लेकिन मुझे यह बेहद बोरिंग लगा। हालांकि पिताजी की जिद पर मैं हर रविवार वहां जाने लगी। छह, सात महीनों में मैंने बंदूक पकड़ना तो सीख लिया लेकिन एक भी गोली नहीं चलाई। वह शूटिंग का बेहद उबाऊ दौर था। घंटों एक ही स्थिति में खड़े होकर निर्देशों का पालन करना बेहद उबाऊ था। 

स्कूल में कांस्य मिलने के बाद जागी उम्मीद

एक बार एला के स्कूल में निशानेबाजी की प्रतियोगिता हुई। उनके अनुसार लगभग छह महीने तक राइफल पकड़ी थी, इसलिए यहां भाग ले लिया। यहां मुझे कांस्य मिला। इसके बाद मेरी खेल में रूचि बढ़ी। मुझे लगा कि अगर मैं प्रशिक्षण लूं तो ऊंचाईयां छू सकती हूं। इसके बाद मैंने अहमदाबाद मिलिट्री एंड राइफल ट्रेनिंग एसोसिएशन में अपना एडमिशन करा लिया। यहां हर रविवार को कुछ घंटों का प्रशिक्षण करतीं। 10 तक मैंने नियमित रूप से शूटिंग शुरू कर दी थी। बाद में मैं संस्कार धाम से जुड़ गई और स्थानीय प्रतियोगितों में अपना पंजीकरण कराना शुरू किया। फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी। एक मैत्रीपूर्ण मैच में मैंने 400 में से 205 रन पाए ओर स्वर्ण जीता। तब मैं बेहद खुश थी। इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं  देखा। 

ओलंपिक में पदक जीतना मकसद

एलावेनिल का सपना टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने का है। जिसके लिए वह पूरी तैयारी में जुटी हुई हैं। उनके कोच नेहा चव्हाण की मानें तो यहां का टाइट शिड्यूल पूरी शिद्दत से फॉलो करती हैं। सुबह चार बजे उठकर रात 8 बजे तक सो जाती है। वह अपने काम करने को लेकर बेहद जिद्दी हैं, जो ठान लेती हैं वह पूरा करके रहती हैं। तमिलनाडु की रहने वाली 21 साल की एला यहां 10 मीटर एयर राइफल में खेलेंगी। 

उपलब्धियां

एलावेनिल ने 2018 आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और स्वर्ण पदक जीता। 2019 में विश्व विश्वविद्यालय खेलों में रजत पदक जीता, जिसके बाद उसने विश्व जूनियर विश्व कप सुहल 2019 में स्वर्ण पदक जीता। 28 अगस्त को रियो डी जेनेरियो में 251.7 स्कोर करके 2019 आईएसएसएफ 10-मीटर एयर राइफल विश्व कप में पहली बार जीत हासिल की। एलावेनिल म्यूनिख में आईएसएसएफ विश्व कप, शूटिंग विश्व कप 2019 के फाइनल में 208.3 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहीं। ताओयुआन, ताइपे में 10 मीटर एयर राइफल एशियन एयर गन चैंपियनशिप में, उन्होंने 250.5 के स्कोर के साथ सीनियर वर्ग में अपना पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता। जूनियर्स 2018 विश्व चैंपियनशिप में दो जूनियर विश्व कप स्वर्ण और एक रजत भी जीता।