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पिता बीमार हुए तो करने लगीं नौकरी, कोच की सलाह पर फिर खेलना शुरू किया, आज टीम इंडिया में हैं सिमरन

Published - Fri 05, Mar 2021

टी-20 टीम में जगह बनाने वाली सिमरन के पिता जब बीमार हो गए तो घर चलाने के लिए खुद नौकरी करने लगी। जब कोच शरवण को यह बात पता चली तो उन्हें काफी दुख हुआ। उन्होंने सिमरन से कहा कि नौकरी छोड़ दो और खुलना जारी रखो। नौकरी में जितना पैसा मिलता है वह उसे देंगे। 

simaran

उस दौरान सिमरन दिल बहादुर की उम्र 16 साल की थी। दिल्ली में लड़कों के साथ क्रिकेट खेल सिमरन उन्हीं के जैसी क्रिकेटर बन चुकी थी। उसके साथियों और चचेरे भाई को लगा कि जब यह लड़कों को टक्कर दे रही है तो लड़कियों के साथ क्या करेगी? फिर क्या था इन लड़कों ने सिमरन के लिए अकादमी की तलाश शुरू की जो इशांत शर्मा के कोच शरवण कुमार के रूप में पूरी हुई। शरवण भी सिमरन की प्रतिभा पहचान गए और उन्होंने उसे अकादमी में लड़कों के साथ खिलाना जारी रखा। यहीं सिमरन की जिंदगी ने पलटा खाया। उनके कुक (खाना बनाने वाले) पिता दिल बहादुर अचानक बीमार हो गए। उन्हें नौकरी छोड़कर दिल्ली आना पड़ा। घर की सारी जिम्मेदारी बड़ी बहन नेहा और सिमरन पर आ पड़ी। नेहा के साथ सिमरन ने भी क्रिकेट छोड़ नौकरी करने लगी। 

कोच ने कहा पैसे लेने को पर सिमरन ने नहीं लिए

कोच शरवण को जब पता लगा तो उन्होंने सिमरन से कहा उसे नौकरी करने की जरूरत नहीं है जितने रुपये उसे नौकरी में मिल रहे हैं वह उसे देंगे, लेकिन खेलना जारी रखो। इस घटना के चार साल बाद इसी सिमरन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टी-20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में जगह बना ली है। शरवण खुलासा करते हैं कि सिमरन उस दौरान नौकरी छोड़ क्रिकेट फिर से शुरू कर दिया, लेकिन उनसे कभी पैसे नहीं लिए। अगले ही साल इस हरफनमौला का दिल्ली टीम में चयन हो गया। शरवण के मुताबिक सिमरन अकादमी में हमेशा लड़कों के साथ खेली, सिर्फ लड़कियों के टूर्नामेंट में ही वह लड़कियों के साथ खेलती है। उसकी खूबी यह है कि वह काफी तेज दौड़ती है। लड़कियों के मैच में इसी के चलते उसे रन आउट होना पड़ता है।

विराट कोहली को मानती हैं आदर्श

मध्यम गति की गेंदबाज और खब्बू बल्लेबाज सिमरन पहली बार सीनियर टीम में चयनित होकर अपने को साबित करने के लिए आतुर हैं। वह महिला आईपीएल में ट्रेलब्लेजर के लिए खेलीं। विराट कोहली को अपना आयडल मानने वाली सिमरन के मुताबिक उनके परिवार को उनकी बड़ी बहन नेहा ने संभाला है। पिता अभी भी घर पर हैं। उनके बीमार होने के दौरान स्थितियां काफी खराब हो गई थीं, लेकिन कोच ने खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। अंडर-23 टीम के लिए बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ खेलने वाली सिमरन खुलासा करती हैं कि उनके तेज दौड़ने की वजह ट्रेनर जगदेव चौहान के संरक्षण में रणजी क्रिकेटरों, राष्ट्रीय फुटबॉलरों के साथ फिटनेस ट्रेनिंग करना है।