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चार पायलट बेटियों ने भरी सबसे लंबी उड़ान, बोलीं- अभी और आसमान छूना बाकी है 

Published - Mon 11, Jan 2021

हवाई उड़ान के इतिहास में एयर इंडिया की चार महिला पायलटों ने एक बेहद ऊंची उड़ान भरकर नया विश्व कीर्तिमान रच दिया है। बेंगलुरु और अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को (एसएफओ) शहर के बीच पहली नॉन स्टॉप हवाई सेवा की शुरुआत महिला पायलटों की टीम ने की। उड़ान का संचालन पूरी तरह से इस महिला टीम के हाथ में था। इनके साहसी जज्बे को पूरी विश्व सराह रहा है। 

women crew

कहते हैं मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए...और ये बात खासकर महिलाएं अच्छे से जानती-समझती हैं। घर संभालने की बात हो या फिर देश की बागडोर हाथ में लेने की या फिर अंतरिक्ष में जाने की बात ही क्यों ना हो, महिलाओं ने साबित किया है कि अवसर मिले तो वो किसी से कम नहीं हैं। एक बार फिर भारतीय बेटियों ने ऐसा साहस कर दिखाया ह‌ै कि पूरा विश्व उनके जज्बे को सलाम कर रहा है। भारतीय नागर विमानन क्षेत्र की चार महिला कैप्टन ने सैन फ्रांसिस्को से 16,000 किलोमीटर दूर स्थित बेंगलुरू के लिए उड़ान भरकर एक करिश्माई कारनामा कर दिखाया है। उल्लेखनीय यह है कि उनकी इस उड़ान ने इतिहास की किताबों में एक और पन्ना जोड़ ‌दिया है। 

ये हैं इतिहास रचने वालीं पायलट
कैप्टन जोया अग्रवाल, कैप्टन पापागरी थान्मेई, कैप्टन आकांक्षा सोनावरे और कैप्टन शिवानी।

16 हजार किमी. लंबी भरी उड़ान
सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरू की दूरी करीब 16,000 किलोमीटर है। आम तौर इस वायु मार्ग पर एयरलाइंस कंपनियां यूरोप या जापान होते हुए सैन-फ्रांसिस्को से भारत पहुंचती हैं, लेकिन इन महिला पायलटों ने ना सिर्फ उत्तरी ध्रुव के रास्ते अटलांटिक वायु मार्ग से बल्कि सिर्फ महिला क्रू-मेंबर्स के साथ उड़ान भरकर नया कीर्तिमान स्थापित किया। इन महिला पायलटों ने एयर इंडिया की उड़ान एआई 176 से 10 जनवरी, शनिवार रात 8:30 बजे सेन फ्रांसिस्को से उड़ान भरी थी और यह सोमवार सुबह 3:45 बजे बंगलूरू के केंपेगोड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी। 

ऐसे रचा विश्व कीर्तिमान
सोमवार सुबह 3:45 बजे बंगलूरू के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया की उड़ान एआई 176 के उतरते ही देश की बेटियों के नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज हो गया। इतिहास रच कर लौटी बेटियों का हवाई अड्डे पर पहुंची भीड़ ने तालियां बजाकर भव्य स्वागत किया तो चारों महिला पायलटों ने थम्स अप दिखा अभिवादन स्वीकार किया और इशारों में अपना हौसला बयां करते हुए कहा, अभी और आसमान छूना बाकी है।
एयर इंडिया की इस पहली सैन फ्रांसिस्को-बेंगलुरू की सीधी उड़ान की कमान कैप्टन जोया अग्रवाल के हाथ रही। उन्होंने कहा, ‘आज हमने ना सिर्फ उत्तरी ध्रुव के ऊपर से, बल्कि सभी महिला पायलटों के साथ उड़ान भरकर विश्व इतिहास रचा है। इस मार्ग से यात्रा करने के चलते हमने 10 टन ईंधन की बचत की।’ जोया के अलावा क्रू में  कैप्टन पापागरी थान्मेई, कैप्टन आकांक्षा सोनावरे और कैप्टन शिवानी मन्हास रहीं.  कैप्टन शिवानी ने कहा, ‘अभूतपूर्व अनुभूति है।’

17 घंटे लगातार उड़ाया विमान
इस ऐतिहासिक यात्रा का गवाह एयर इंडिया का 12 साल पुराना ‘बोइंग 777-200एलआर’ विमान बना। पंजीकरण संख्या वीटी-एएलजी वाले इस विमान के अगले हिस्से पर ‘केरला’ नाम लिखा है। साथ ही महात्मा गांधी का चित्र भी उकेरा गया है। उड़ान संख्या एआई176 ने 37,000 फुट से अधिक ऊंचाई पर 557 नॉट यानी 1,032 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भरकर यह दूरी लगभग 17 घंटे में पूरी की। इस विमान में 238 लोगों के बैठने की क्षमता है।

साहसी बेटियों का किया सलाम
एयर इंडिया की टीम पहली बार दुनिया का सबसे लंबा सफर कर लौटे अपने संपूर्ण महिला क्रू के स्वागत में पहुंची तो केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर देश की चारों बेटियों की सराहना की। उन्होंने ट्वीट किया, देश की बेटियों ने इतिहास बना हमें जश्न और खुशी का जो पल दिया उसके लिए आभार। मैं कैप्टन जोया अग्रवाल, कैप्टन तनमई पपागिरी, कैप्टन आकांक्षा सोनावरे और कैप्टन शिवानी को इस उड़ान को पूरा करने के लिए हार्दिक बधाई देता हूं। एयर इंडिया ने भी ट्वीट कर अपने चालक दल और उड़ान के यात्रियों को शुभकामनाएं दीं। वहीं सेन फ्रांसिस्को हवाई अड्डे के अधिकारियों ने भी भारत की बेटियों को उनकी इस कामयाबी के लिए बधाई  दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी एयर इंडिया की महिला क्रू को इस एतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, आप सभी को बधाई, बेटियों ने देश का नाम रोशन कर दिया।