Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

गीता ने कृषि कानूनों को सराहा, हो रही हर तरफ चर्चा

Published - Tue 02, Feb 2021

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने हाल ही में कृषि कानूनों पर एक बयान दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों की तारीफ की है, जबकि इन्हें लेकर किसान काफी लंबे से विरोध कर रहे हैं। इस बयान की वजह से उनकी हर तरफ चर्चा हो रही है।

geeta gopinath

नई दिल्ली। गीता गोपीनाथ को अक्तूबर 2018 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया था। भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने मोदी सरकार के विवादित कानूनों की यह कहकर सराहना की है कि यह कानून किसानों की आय बढ़ाने वाले है लेकिन सरकार को कमजोर किसानों को सामाजिक सुरक्षा देनी होगी। अपने इस बयान के बाद वह सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगीं। 
गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां सुधार की जरूरत है और कृषि क्षेत्र उनमें से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 2025 से पहले कोरोनाकाल से पहले की स्थिति में पहुंच पाना मुश्किल होगा। भारत की आर्थिक वृद्धि विभिन्न क्षेत्रों में किए जाने वाले सुधारों पर निर्भर करेगी।

केरल सरकार ने नियुक्त किया था वित्तीय सलाहकार

गीता ने इंटरनेशनल फाइनेंस और मैक्रो-इकोनॉमिक्स में रिसर्च की है। आईएमएफ में इस पद पर पहुंचने वाली वह दूसरी भारतीय हैं। उनसे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी आईएमएफ में प्रमुख अर्थशास्त्री रह चुके हैं। साल 2017 में केरल सरकार ने गीता को राज्य का वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया था, लेकिन जब केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गीता की नियुक्ति की थी तो उस समय उन्हीं की पार्टी के कुछ लोग नाराज भी हुए थे। गीता अमेरिकन इकोनॉमिक्स रिव्यू की सह-संपादक और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च (एनबीइआर) में इंटरनेशनल फाइनेंस एंड मैक्रो-इकोनॉमिक्स की सह-निदेशक भी रह चुकी हैं। गीता ने व्यापार और निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियों, कर्ज और उभरते बाजार की समस्याओं पर लगभग 40 रिसर्च लेख लिखे हैं। 

भारत में की है पढ़ाई 

गीता केरल की रहने वाली हैं। उन्होंने ग्रेजुएशन तक की शिक्षा भारत में पूरी की है। साल 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की।  इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ही मास्टर डिग्री पूरी की। साल 1994 में गीता वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी चली गईं। साल 1996 से 2001 तक उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी पूरी की थी। साल 2001 से 2005 तक गीता शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। इसके बाद साल 2005 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर उनकी नियुक्ति हुईं।  साल 2010 में गीता इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनीं और फिर 2015 में वे इंटरनेशनल स्टडीज एंड इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर बन गईं। 

जब अमिताभ बच्चन ने की थी गीता पर टिप्पणी

कौन बनेगा करोड़पति के मंच पर अमिताभ बच्चन ने एक महिला प्रतिभागी से गीता गोपीनाथ से जुड़ा एक सवाल पूछा था। उसके बाद उन्होंने एक टिप्पणी की थी कि इतना खूबसूरत चेहरा इनका, इकॉनोमी के साथ कोई जोड़ ही नहीं सकता। उनकी इस टिप्पणी के बाद तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं थीं। हालांकि गीता केबीसी में खुद से जुड़ा सवाल पूछे जाने और अमिताभ की टिप्पणी को सुनकर बेहद खुश नजर आईं थीं।