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छोटे कद के कारण हरविंदर ने झेले ताने, आत्महत्या की सोची, आज बड़े-बड़े करते हैं सलाम

Published - Wed 03, Mar 2021

हौसले बुलंद हों तो मंजिल मिल ही जाती है। यह बात सही कर दिखाई है हरियाणा के रामामंडी की रहने वालीं हरविंदर कौर उर्फ रूबी ने। 24 साल की हरविंदर की हाइट महज 3 फुट 11 इंच है। इस कारण उन्हें काफी तानों का सामना करना पड़ा। तानों से परेशान होकर हरविंदर ने एक समय आत्महत्या तक का मन बना लिया था। फिर उन्होंने खुद को संभाला और आज वह एक सम्मानित जिंदगी जी रही हैं। कानून की डिग्री लेने के बाद वह जालंधर कोर्ट में बतौर वकील प्रैक्टिस कर रही हैं। यह उनका हौसला ही है कि जो लोग कभी उनका मजाक उड़ाते थे आज वही उनको सलाम करते हैं।

नई दिल्ली। हरियाणा के रामामंडी में रहने वालीं हरविंदर कौर उर्फ रुबी जालंधर कोर्ट में वकालत करती हैं। 24 साल की हरविंदर कौर की हाइट महज 3 फुट 11 इंच है। इस कारण उन्हें बचपन से ही  काफी ताने सुनने पड़े, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से अपना मनचाहा मुकाम हासिल कर यह साबित कर दिखाया कि शक्ल, कद या गरीबी किसी के लक्ष्य में बाधा नहीं बन सकती। एडवोकेट हरविंदर अपने सफर के बारे में बताती हैं कि वह बचपन से ही एयर होस्टेस बनना चाहती थीं, लेकिन छोटी हाइट के कारण उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका।  बचपन से ही उनकी ग्रोथ काफी स्लो थी। कई डॉक्टर को दिखाया, दवाई ली, मेडिटेशन की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। जब उन्हें यह बात समझ आई कि यह सब नैचुरल है, तब उन्होंने एयर होस्टेस बनने का सपना छोड़ दिया।

स्कूल में मिलते थे ताने... तुमसे न हो पाएगा

छोटे कद के कारण हरविंदर शुरू से आस-पास के लोगों के निशाने पर रहीं। उनके करीबी भी उन्हें अजीब नजरों से देखते थे। स्कूल में साथ पढ़ने वाली सहेलियां तक मजाक उड़ाती थीं। स्कूल में किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पर सहेलियां ताने मारते हुए कहतीं.... हरविंदर तुमसे न हो पाएगा। इस कारण कई बार उन्हें झुंझलाहट भी होती। लोगों की उपेक्षा से तंग आकर हरविंदर ने खुद को साबित करने के लिए 12वीं के बाद लॉ की फील्ड में जाने का फैसला किया। अब उनका सपना जज बनने का है।

एक समय खुदकुशी करने का बना लिया था मन

हरविंदर कौर ने बताया कि बचपन से लेकर बड़े होने तक उनका हर जगह मजाक उड़ाया गया। ताने सुन-सुनकर वह काफी परेशान हो गई थीं। तानों से बचने के लिए उन्होंने खुद को कमरे में बंद करना शुरू कर लिया। वह अवसाद से घिरती जा रही थीं। मन में कई बार आत्महत्या करने का ख्याल भी आया। वह नहीं चाहती थीं कि बड़ी होकर वह किसी पर बोझ बनें। काफी समय तक यह सब चलता रहा। इसके बाद उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया। कॉलेज में पहुंचने के बाद उनकी जिंदगी में बदलाव आना शुरू हुआ। निगेटिविटी कम हुई और वह काफी पॉजीटिव रहने लगीं।

सोशल मीडिया से बढ़ा हौसला

कक्षा 12वीं की परीक्षा के बाद जब वह सारा दिन घर में रहतीं, तो खुद का हौसला बढ़ाने के लिए मोबाइल पर मोटीवेशनल वीडियो देखतीं। इन वीडियो से उनकी नकारात्मक सोच बदली। इन्हीं वीडियो को देखने के बाद उन्होंने फैसला किया कि वह जैसी हैं वैसी ही ठीक हैं। साथ ही लॉ की फील्ड में जाने का मन भी बनाया। इस बीच हरविंदर ने सोशल मीडिया पर भी अपनी सक्रियता बढ़ाई। इस प्लेटफार्म पर लोगों ने उन्हें वह जैसी हैं वैसे ही अपनाया और प्यार देना शुरू किया, तो उनकी हिम्मत काफी बढ़ गई। वह बताती हैं कि कई बार फोटो शेयर करने पर निगेटिव कमेंट भी आते थे, लेकिन उन्हें बुरा नहीं लगता था। उल्टे वह पूरे आत्मविश्वास के साथ ऐसे कमेंट करने वालों का जवाब देकर उनका मुंह बंद करा देतीं।

कई बार लोग समझ बैठते हैं बच्ची

वकालत की दुनिया में अपनी पहचान बना चुकीं हरविंदर कौर बताती हैं कि कम हाइट के कारण अब भी कई लोग उन्हें बच्ची समझने की भूल कर बैठते हैं। कुछ लोग इस गलतफहमी में बच्चे की तरह ट्रीट भी करते हैं। वह इस बारे में एक दिलचस्प किस्सा भी बताती हैं। हरविंदर के मुताबिक एक बार वह कोर्ट रूम में गईं, तो रीडर सर ने कहा कि कोर्ट में वकील की ड्रेस पहनाकर बच्चे को क्यों लेकर आए हो। तब उनके वकील साथी ने बताया कि वह भी वकील हैं। अब भी कई बार लोग उन्हें बच्चा समझ कर टॉफी, चॉकलेट दे देते हैं।