Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

कॉन्स्टेबल पति को सैल्यूट करते देख अफसर बनने की ठानी, चौथे प्रयास में बनीं आईपीएस

Published - Thu 26, Aug 2021

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती... ये बात एकदम सटीक बैठती है आईपीएस एन. अंबिका पर। तमिलनाडु की रहने वालीं अंबिका जब महज 14 साल की थीं तभी उनकी शादी हो गई। उनके पति पुलिस कॉन्स्टेबल हैं। 18 की उम्र में वह दो बच्चों की मां बन चुकी थीं। इस उम्र तक उन्हें आईपीएस क्या होते हैं, इस पद तक कैसे पहुंचते हैं, यह भी मालूम न था। फिर एक घटना ने उनके दिमाग में ऐसी छाप छोड़ी कि उन्होंने 18 साल की उम्र में दोबारा स्कूल का रुख किया और 10वीं-12वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद ग्रेजुएशन कर यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। यहां तीन बार उन्हें असफलता मिली, लेकिन हिम्मत नहीं हारीं और चौथे प्रयास में आईपीएस बनकर देश की तमाम महिलाओं के लिए मिसाल बन गईं।

नई दिल्ली। इंसान के इरादे फौलादी हों तो पहाड़ भी उसे रास्ता देने को मजबूर हो जाता है। कुछ ऐसी ही कहानी है आईपीएस एन. अंबिका की। उन्होंने जिंदगी के उस पड़ाव से भारतीय सिविल सर्विसेस की तैयारी शुरू का फैसला किया, जिसके बारे में सुनकर और सोचकर भी आपको हैरानी होगी। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर कुछ ऐसा कर दिखाया, जो आज पूरे देश की लड़कियों और महिलाओं के लिए मिसाल है। तमिलनाडु की रहने वालीं एन. अंबिका (N Ambika) जब महज 14 साल की थीं तब उनकी शादी पुलिस कॉन्स्टेबल से कर दी गई। 18 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते वह दो बच्चों की मां बन चुकी थीं। आम युवतियों की तरह एक समय वह भी मान बैठी थीं कि अब उनकी जिंदगी घर की दहलीज के भीतर बच्चे और गृहस्थी को संभालते हुए ही बीतेगी। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि उनकी पूरी जिंदगी बदल गई।

गणतंत्र दिवस समारोह से मिला जिंदगी का मकसद 

एक बार अंबिका अपने पति के साथ गणतंत्र दिवस समारोह देखने गई थीं। यहां उन्होंने देखा कि उनके पति अपने अधिकारियों को सैल्यूट कर रहे हैं। यह देख अंबिका ने पति से पूछा कि आखिर वे कौन थे, जिन्हें आप सैल्यूट कर रहे थे। पति ने बताया कि वे उनके सीनियर अधिकारी हैं, जो आईपीएस हैं। इस समय तक अंबिका को नहीं मालूम था कि आईपीएस कौन होते हैं, इस पद तक कैसे पहुंचा जा सकता है, आईपीएस बनने के लिए कितना पढ़ना पड़ता है? ये तमाम सवाल अंबिका के दिमाग में कौंधते रहे। अगले दिन उन्होंने पति से इस बारे में पूछा तो उन्होंने विस्तार से सबकुछ समझाया। फिर क्या था, अंबिका ने भी आईपीएस बनने की ठान ली। अब दिक्कत यह थी कि वह 10वीं भी पास नहीं थीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और एक प्राइवेट संस्थान से 10वीं-12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद ग्रेजुएशन किया। फिर सिविल सर्विसेस के एग्जाम की तैयारी के लिए कोचिंग करने चेन्नई चली गईं।

पति का मिला भरपूर सहयोग

यूपीएससी की तैयारी के दौरान अंबिका को पति का उनका भरपूर सहयोग मिला। वह अपनी ड्यूटी के साथ दोनों बच्चों को भी संभालते रहे। अंबिका परीक्षा में तीन बार असफल हुईं, लेकिन निराश नहीं हुईं। हालांकि उनके पति थोड़ा हतोत्साहित जरूर हो गए थे। उन्होंने उन्हें घर लौट आने को भी कहां। इस पर अंबिका ने एक और मौका मांगा और चौथी बार साल 2008 में आईपीएस ऑफिसर (IPS Officer) बन गईं। अंबिका को महाराष्ट्र में पहली पोस्टिंग मिली। फिलहाल वे मुंबई में डीसीपी की पोस्ट पर कार्यरत हैं, जिन्हें अब लेडी सिंघम के नाम से जाना जाता है।