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यूपी की लेडी सिंघम चारू निगम के नाम से कांपते हैं माफिया

Published - Sat 03, Apr 2021

देश में वैसे तो कई बहादुर महिला आईपीएस हैं, जो अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली के कारण पहचानी जाती हैं। लेकिन हम आज आपको एक ऐसी महिला आईपीएस के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म की पटकथा से कम नहीं है। हम बात कर रहे हैं यूपी कैडर की आईपीएस चारू निगम की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान चारू को एक लड़के से प्यार हुआ, लेकिन पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण उनका प्यार परवान नहीं चढ़ सका। इस कारण एक समय वह डिप्रेशन का शिकार हो गई थीं। फिर पिता ने उन्हें सिविल सर्विसेज के लिए प्रेरित किया। यहीं से उनकी जिंदगी ने यू-टर्न लिया। हमेशा बात-बात पर खुलकर हंसने वाली एक युवती अपने तीसरे प्रयास में एक गंभीर आईपीएस अफसर बन कर समाज के सामने आई। आज आईपीएस चारू के नाम से गुंडे-माफिया कांपने हैं। आइए जानते हैं चारू के सफर के बारे में, जो देश की हजारों महिलाओं को प्रेरणा देती है।

नई दिल्ली। चारू निगम का जन्म 4 जून 1986 को एमएस निगम के घर हुआ था। चारू निगम मूल रूप से आगरा की रहने वाली हैं। पिता एमएस निगम की दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी में जॉब लगने के बाद उनकी फैमिली दिल्ली शिफ्ट हो गई थी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई। 12वीं के बाद उन्होंने बीटेक की डिग्री ली। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान चारू निगम को अपने कॉलेज के एक युवक से प्यार हो गया। लेकिन सामाजिक और आर्थिक बाधा के कारण दोनों का प्यार परवान नहीं चढ़ सका। इस कारण एक समय चारू डिप्रेशन का शिकार हो गई थीं। हंसमुख स्वभाव की चारू गुमशुम रहने लगीं। उनकी यह हालत पिता से देखी नहीं गई। उन्होंने बेटी को काफी समझाया और सिविल सर्विसेज की परीक्षा के लिए प्रेरित किया। पिता के हौसला बढ़ाने से चारू को एक दिशा मिल गई और वह साल 2010 में पहली सिविल सर्विसेज के एग्जाम में बैठीं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इस असफलता के बावजूद वह हताश नहीं हुईं। इस बीच चारू ने फैसला कर लिया था कि वह आईपीएस बनेंगी। साल 2013 में तीसरे प्रयास में वह आईपीएस (IPS) बनने में सफल रहीं। उन्हें पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के झांसी में मिली।

पहली तैनाती के बाद ही सुर्खियों में आईं

साल 2014 में चारू को झांसी में पहली पोस्टिंग दी गई। चंबल जैसी खतरनाक जगह जहां अनुभवीं आईपीएस तक जाने से कतराते हैं, वहां चारू ने खुशी-खुशी ज्वाइन किया। पोस्टिंग के कुछ समय बाद ही उन्होंने खनन और शराब माफियाओं के लिए मुहिम छेड़ दी। पशु और गांजा, चरस की तस्करी करने वालों के खिलाफ भी ताबड़तोड़ कार्रवाईयां की। आईपीएस चारू की कार्यशैली के कारण खनन और शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया। अवैध तस्करी के मामलों में तेजी से गिरावट आई। इस कारण वह सुर्खियों में आ गईं। अपनी दमदार और बेदाग कार्यशैली के कारण झांसी के लोग उन्हें लेडी सिंघम कहकर पुकारते थे।   

विधायक से बीच सड़क भिड़ गई थीं चारू

आईपीएस चारू निगम की साल 2017 में गोरखपुर में तैनाती थी। यहां भी उन्होंने शराब माफियाओं और गुंडों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की। इस वजह से क्षेत्र की जनता ने उन्हें खूब सराहा, लेकिन स्थानीय नेताओं के विरोध का सामना भी करना पड़ा। भाजपा के एक विधायक से उनकी बीच सड़क पर तीखी नोकझोंक भी हो गई थी। इस कारण आईपीएस चारू की आंखों से आंसू छलक पड़े थे। मामला गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र के कोइलहवा गांव का है। यहां कच्ची शराब के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया। जिसे खुलवाने पहुंचे सीओ गोरखनाथ, चारू निगम और ग्रामीणों में झड़प हो गई। आरोप था कि ग्रामीणों ने पुलिस पर डंडे और पत्थर बरसा दिए। जिसमें चारू निगम को चोटें आई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आधा दर्जन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पहुंचे बीजेपी विधायक राधामोहन ने भी सड़क जाम कर दिया। उनका आरोप है कि चारू निगम ने जानबूझकर ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कराया।
 
विधायक को जवाब देते हुए कहा, मेरे आंसुओं को मेरी कमजोरी न समझें

ग्रामीणों पर लाठीचार्ज के विरोध में पहुंचे भाजपा विधायक ने आईपीएस चारू निगम को जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा, 'इनकी भाषा देखिए, कैसे ये चिल्लाकर हमसे बात कर रही हैं। देख रहे हैं इसकी बत्तमीजी वाली भाषा... आप चुप रहो, यहां एसडीएम साहब खड़े हैं, मैं उनसे बात कर रहा हूं। चुप रहिए आप, आपसे बात मैं नहीं कर रहा हूं। मुझे नियम न बताओ। मैंने बताया न, बर्दाश्त के बाहर मत जाओ। मैं इनसे बात नहीं करूंगा, इसके अधि‍कारी को बुलाइए।' इसके जवाब में आईपीएस चारू ने कहा था, 'मैं भी इस क्षेत्र की क्षेत्राधि‍कारी हूं और जो लॉ एंड ऑर्डर आपने बिगाड़ रखा है उसी के संबंध में आपसे बात करने आई हूं।' इस दौरान चारू की आंख में आंसू आ गए। वह कई बार आंसू पोछते नजर आईं। घटना के बाद आईपीएस चारू ने फेसबुक पर पोस्ट कर अपने इरादे साफ करते हुए लिखा- 'मेरे आंसुओं को मेरी कमजोरी न समझना, कठोरता से नहीं कोमलता से अश्क छलक गए। मेरी ट्रेनिंग ने मुझे कमजोर पड़ना नहीं सिखाया।'

पार्टी विशेष के इशारे पर काम करने का भी लगा आरोप

अपनी कार्यशैली के कारण आईपीएस चारू निगम अक्सर किसी न किसी राजनीतिक दल के निशाने पर रहती हैं। बीजेपी के एक प्रत्याशी ने चारू निगम पर आरोप लगाया था कि वह एक विशेष पार्टी के लिए काम कर रही हैं, जिससे उनका नुकसान हो रहा है। बीजेपी प्रत्याशी का भी वीडियो काफी तेजी के साथ वायरल हुआ था, जिसमें बीजेपी प्रत्याशी उपेंद्र शुक्ला साफ तौर पर आईपीएस चारू निगम से कह रहे हैं की एक्शन में मत दिखो, बहुत महंगा पड़ जाएगा। आईपीएस चारू निगम फिलहाल लखनऊ में डीसीपी पूर्वी की कमान संभाल रही हैं।

अस्पताल से चोरी नवजात को 36 घंटे में ढूंढकर आरोपी को पकड़ा 

मई 2017 में गोरखपुर जिले की खजनी के मझगांवा गांव की रहने वाली आरती को मेडिकल कॉलेज के गायनिक विभाग में भर्ती कराया गया था। आरती की तीमारदारी में ननद सुमन भी अपने आठ महीने के बेटे राजीव को लेकर आई थी। अगले दिन सुबह आरती ने बच्चे को जन्म दिया। सुमन भी अपने बेटे राजीव को लेकर आरती के साथ वार्ड में थी। घरवालों के मुताबिक करीब सवा छह बजे राजीव रोने लगा। बेटे को चुप कराने के लिए सुमन ने उसे दूध पिलाया। इसी बीच मां-बेटे की आंख लग गई। दस मिनट बाद जब सुमन की आंख खुली तो बच्चा गायब था। इस मामले की जांच चारू को सौंपी गई। चारू ने महज 36 घंटे में न केवल नवजात को सकुशल बरामद कर लिया, बल्कि आरोपी महिला को भी गिरफ्तार कर लिया। मामले का खुलासा करते हुए चारू ने बताया कि बच्चा तबस्सुम नाम की महिला ने चुराया था। आरोपी महिला बच्चे को 12 हजार रुपये में बेचने की फिराक में थी, लेकिन अखबारों में बच्चे की फोटो छप जाने से वह पकड़ ली गई। इस घटना के बाद पूरे शहर में लोगों ने आईपीएस चारू के काम को खूब सराहा था।

आईपीएस चारू की हंसी है काफी मशहूर

आईपीएस चारू निगम अपनी हंसी के लिए भी काफी मशहूर हैं। एक समय था कि आईपीएस चारू निगम ज्यादा हंसने के चलते डांट खाने से लेकर कॉलेज में सजा तक पा चुकी हैं। फिलहाल  चारू खाली समय में घुड़सवारी और खाना बनाती हैं। आईपीएस चारू निगम की फैमिली में अधिकतर इंजीनियर हैं। उनके परिवार को साधारण और सुलझा हुआ माना जाता है। आईपीएस चारू उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष अधिकारियों में से हैं। सीएम योगी ने चारू को एंटी रोमियो एस्कॉर्ट के प्रमुख अधिकारियों की टीम में रखा था।