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महज 16 साल की उम्र में कलेक्टरों की क्लास लेती है हरियाणा की 'वंडर गर्ल'

Published - Mon 01, Jun 2020

'उम्र का बुद्धि से कोई तल्लुक नहीं होता' ये बात एकदम सटीक बैठती है हरियाणा की 16 वर्षीय 'वंडर गर्ल' जाह्नवी पंवार पर। जाह्नवी कितनी खास ये इससे ही पता चलता है कि वह जब 9 साल की थीं तो 9 एक्सेंट्स में बात करने लगी थी। जाह्नवी हरियाणवी, हिंदी, ब्रिटिश, अमेरिकन, फ्रेंच, जापानी समेत कुल 9 भाषाओं को न सिर्फ बोलने, बल्कि समझने और लिखने में भी सक्षम हैं। जाह्नवी को दुनिया 'वंडर गर्ल ऑफ इंडिया' के नाम से भी जानती है।

 नई दिल्ली। 'उम्र का बुद्धि से कोई तल्लुक नहीं होता' ये बात एकदम सटीक बैठती है हरियाणा की 16 वर्षीय 'वंडर गर्ल' जाह्नवी पंवार पर। हरियाणा के समालखा के मालपुर गांव की रहने वाली जाह्नवी का दिमाग सुपर कम्प्यूटर की तरह तेज चलता है। उसके तेज दिमाग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने महज 10 साल की उम्र में ही दसवीं की परीक्षा पास कर ली। जब वह 13 साल की हुई तो 12वीं की परीक्षा पास कर ली थी। वह भी फर्स्ट डिवीजन। आज महज 16 साल की उम्र में यह बेटी आईएएस अफसरों को मोटिवेट (प्रेरित) करती है। उसे एक प्रभावशाली मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर जाना जाता है। जाह्नवी कितनी खास ये इससे ही पता चलता है कि वह जब 9 साल की थीं तो 9 एक्सेंट्स में बात करने लगी थी। जाह्नवी हरियाणवी, हिंदी, ब्रिटिश, अमेरिकन, फ्रेंच, जापानी समेत कुल 9 भाषाओं को न सिर्फ बोलने, बल्कि समझने और लिखने में भी सक्षम हैं। जाह्नवी को दुनिया 'वंडर गर्ल ऑफ इंडिया' के नाम से भी जानती है।

समाचार देखकर अंग्रेजी बोलना सीखा 

दिल्ली के सत्यवती कॉलेज से बीए प्रोग्राम में थर्ड ईयर की छात्रा जाह्नवी अपनी अंग्रेजी और अलग-अलग एक्सेंट्स (बोलने का लहजा) सीखने के बारे में बताते हुए आज भी काफी उत्साहित हो जाती हैं। जानह्वी के मुताबिक मैंने सिर्फ 9 साल की उम्र में ही ब्रिटिश और अमेरिकन एक्सेंट्स में बात करना सीख लिया था। आज मैं 4 लैंग्वेजेस और 9 एक्सेंट्स में बात कर सकती हूं। जाह्नवी ने बताया कि जब उन्होंने शुरू-शुरू में अंग्रेजी सीखनी शुरू की तो आसपास के लोगों और मेरे पापा ने मेरा हौसला बढ़ाते हुए कहा कि अंग्रेजी बोलना कोई बड़ी बात नहीं। यह बात मेरे दिमाग में घर कर गई और मैंने बीबीसी व सीएनएन समाचार चैनल देखना शुरू कर दिया। इस दौरान मैंने महसूस किया कि मुझे उनका एक्सेंट काफी आकर्षित करता है। फिर क्या था मेरे सीखने का क्रम चल निकला। इसमें पापा भी मेरी काफी मदद करते थे। अंग्रेजी से इतर भारतीय भाषाएं और एक्सेंट्स सीखने के बारे में जाह्नवी कहती हैं, 'मैंने बीच में बंगाली सीखना शुरू किया था, लेकिन परीक्षाओं की वजह से पूरा नहीं कर पाई। 3-4 बार भगवद्गीता पढ़ने की वजह से थोड़ी संस्कृत आती है।

लगातार अभ्यास के कारण हुईं निपुण

एक्सेंट्स सीखने के बारे में जाह्नवी कहती हैं कि, जब मैंने शुरू में इसे सीखना शुरू किया तो वीडियो देखकर एक से दो घंटे तक बोलने का अभ्यास करती थी। बीबीसी और सीएनएन को एकसाथ देखने के कारण मैं ब्रिटिश और अमेरिकन एक्सेंट से अच्छी तरह से परिचित हो सकी। इन दोनों चैनलों की खबरें देखने के बाद मैं एंकरों के एक्सेंट को दोहराती रही। कई बार आईने के सामने तो कई बार अपने पैरेंट्स के सामने प्रैक्टिस करती थी। मैंने रात 12 बजे तक नॉवेल पढ़े। मेरी अंग्रेजी में खास रुचि देखकर पापा मेरे लिए मोटिवेशनल किताबें ले आए। जाह्नवी के पिता बृजमोहन पंवार को अपनी बेटी को एक्सेंट्स की दिशा में सोचने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रेरणा मिली सरोजनी नायडू से। उनके मुताबिक, सरोजनी नायडू ने 12 वर्ष की उम्र में नाटक लिख लिया था। वे उस जमाने में अंग्रेजी में कविताएं लिखती थीं। ऐसे में मुझे लगा कि जब वह उस समय ऐसा कर सकती थीं, तो आज के मॉडर्न समय में मेरी बेटी ऐसा क्यों नहीं कर सकती है।

स्कूल में चिढ़ाते थे साथी छात्र

जाह्नवी के मुताबिक यह सब इतना आसान नहीं था। सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें स्कूल में होती थी। जाह्नवी स्कूल में भी ज्यादातर अंग्रेजी वह भी ब्रिटेन सा अमेरिकी एक्सेंट में बात करती थीं। इस कारण वह हमेशा अपने साथ पढ़ने वाले बच्चों के निशाने पर रहती थीं। जाह्नवी ने बताया कि शुरुआत में जब मैं स्कूल में विदेशी एक्सेंट में बात करती या मेरे मुंह से अलग एक्सेंट निकल आता तो साथी छात्र मुझे चिढ़ाते थे। बचपन से ही मैं न्यूज चैनल्स और अखबारों में आने लगी थी, तो वे मुझे चिढ़ाते थे कि तुम पढ़ाई में तो अच्छी नहीं हो, फिर भी टीवी पर आती हो। मैं अपने से बड़े बच्चों के बीच पढ़ाई करने लगी, क्योंकि मैं एक साथ दो-दो क्लास पास करने लगी थी। इस कारण मैं आज भी 16 साल की हूं और वे 19-20 साल के हैं। इस कारण मेरे ज्यादा दोस्त नहीं हैं।

कई बड़े संस्थानों में दे चुकी हैं मोटिवेशनल स्पीच

जाह्नवी आईआईटी के छात्रों से लेकर कई बड़ी संस्थाओं में मोटिवेशनल स्पीच दे चुकी हैं। जाह्नवी ने बताया कि मैंने एक्सेंट सीखने के लिए टोनी रॉबिन्स, जिग जिगलर और निक विजिक के वीडियोज काफी देखे हैं। इस दौरान मैंने महसूस किया कि वे हर वीडियो में मोटिवेट करने के लिए किताबें पढ़ने पर काफी जोर देते थे। मैंने उनके द्वारा बताई गई किताबें पढ़ीं और तब मैं काफी प्रोत्साहित महसूस करती थी। मुझे लगा, जब मैं किसी से इतनी प्रेरित हुई हूं, तो मुझे भी दूसरों को इस बारे में बताना चाहिए। फिर क्या था मैंने आईने के सामने प्रैक्टिस शुरू की और मेरी झिझक खत्म होती चली गई।

वंडर गर्ल का तमगा

जाह्नवी को वंडर गर्ल का टैग एक सामाचार न्यूज चैनल ने दिया। इसके बाद सभी उन्हें इसी नाम से पुकारने लगे। जाह्नवी का जनरल नॉलेज अच्छा होने के कारण इंटरव्यू के लिए कई चैनल जाह्नवी को बुलाने लगे। इसी दौरान उन्हें जाह्नवी के के एक्सेंट के बारे में पता लगा।