आतंकवाद से प्रभावित कश्मीर घाटी की युवतियां रूढ़िवादी समाज से बाहर निकलकर सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही हैं। शिक्षा हो या चाहे खेल का मैदान पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।
नई दिल्ली। कश्मीर की बेटियां नई उड़ान भर रहीं हैं। वहां यह बदलाव कुछ सालों से ही दिख रहा है। नहीं तो पहले घाटी में अलगाववादियों का फरमान चलता था। जिसके तहत महिलाओं को डरकर पर्दे में रहना जरूरी था, घर से बाहर निकलने पर बुरा माना जाता था, खेलना प्रतिबंधित था। तरह-तरह के कई प्रतिबंध थे लेकिन अब नया कश्मीर सामने आने लगा है। इसी बदलाव के तहत लड़कियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से श्रीनगर के श्री प्रताप (एसपी) कॉलेज के ग्राउंड में जम्मू-कश्मीर उच्च शिक्षा विभाग के सौजन्य से वुमेंस क्रिकेट टूर्नामेंट 2020 का आयोजन किया गया। 10 दिनों तक चली इस प्रतियोगिता में घाटी के विभिन्न कॉलेजों की 10 महिला टीमों ने भाग लिया। फाइनल मैच में श्रीनगर के वुमेंस कॉलेज की टीम ने एसपी कॉलेज को हरा प्रतियोगिता पर कब्जा किया।
यह एक अच्छी शुरूआत, विजेता टीम नेशनल के लिए जाएगी
प्रतियोगिता की आयोजक और बेमिना डिग्री कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर नसरीन अमान ने बताया कि यह एक अच्छी शुरुआत है। पहली बार ऐसे स्पोर्ट्स फेस्टिवल का आयोजन जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को खेलों की ओर प्रोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि विजेता टीम को नेशनल के लिए भेजा जाएगा।
महिलाओं को खेलों में बढ़ावा देने को मिलनी चाहिए सुविधाएं
एक युवती फिरदौसा ने कहा कि पहली बार ऐसे स्पोर्ट्स फेस्टिवल का आयोजन हुआ है। यह बहुत अच्छा अनुभव रहा। हमारी सरकार से अपील है कि जैसे राज्य से बाहर महिलाओं को खेलों में बढ़ावा देने के लिए हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जाती है वैसे ही हमें भी दी जाएं। न हमारे पास प्रैक्टिस के लिए इन्फ्रांस्ट्रक्चर है न कोच हैं। उन्होंने कहा कि हम समाज की परवाह किए बिना खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। ज़रूरत है तो सिर्फ प्रोत्साहन की। समाज के लोगों का क्या है, वह तो कुछ न कुछ बोलते रहेंगे। हम नहीं चाहते कि समाज के गलत प्रचार के चलते हमारे परिवार वाले भी हम पर प्रतिबंध लगाएं। अन्य महिला खिलाड़ियों ने भी ऐसे ही विचार रखे।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.