दिन में हॉक एडवांस्ड जेट में मिशन को अंजाम देने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनीं
एयरफोर्स की फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह ने एक नया इतिहास रच दिया है। वह 30 मई, 2019 को दिन में हॉक एडवांस्ड जेट में मिशन को अंजाम देने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं। भारतीय वायुसेना के अनुसार फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा स्थित वायसेना अड्डे पर लड़ाकू विमान 4 एयरक्राफ्ट की सैन्य उड़ान पूरी कर विमान से उतारने के बाद दिन में पूरी तरह हॉफ एडवांस्ड जेट विमान संचालित करने वाली पहली महिला लड़ाकू पायलट बन गई हैं। अब मोहना 'एयर टू एयर' और 'एयर टू ग्राउंड' मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। मोहना सिंह को दो महिलाओं भावना कंठ और अवनी चतुर्वेदी के साथ जून 2016 में लड़ाकू पायलट प्रशिक्षण के लिए लड़ाकू शाखा में चुना गया था।
दिन में हॉक एडवांस जेट मिशन को दे सकती हैं अंजाम
मोहना सिंह ऐसी लड़ाकू पायलट बनी हैं जो दिन में हॉक एडवांस जेट में मिशन को अंजाम देने के काबिल हैं। 2016 में मोहना को दो अन्य महिलाओं भावना कांत और अवनी चतुर्वेदी के साथ जून 2016 में लड़ाकू पायलट प्रशिक्षण के लिए चुना गया था। मोहना सिंह को वर्ष 2016 में भावना कंठ और अवनी चतुर्वेदी के साथ वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के तौर पर चुना गया था। गौरतलब है कि साल 2017 में केंद्र सरकार ने महिला पायलटों को लड़ाकू विमान उड़ाकर युद्ध क्षेत्र में जाने की भी अनुमति दे दी थी।
मिला था कठिन प्रशिक्षण
वायु सेना में पुरुषों को कठिन प्रशिक्षण के बाद विभिन्न ओहदों पर भेजा जाता है, ठीक उसी तरह मोहना सिंह को लड़ाकू विमान उड़ाने का कठिन प्रशिक्षण मिल चुका है। जेट फाइटर बनने के लिए कठिन ट्रेनिंग पूरी करनी होती है। करीब 12 तरह की जांच से गुजरना पड़ता है। पहले विमान उड़ाने के स्किल्स, उसके संचालन के तौर-तरीके, टेकॉफ, लैंडिंग जैसे प्राथमिक विषयों पर पकड़ बनानी होती है। युद्धक विमान उड़ाने के दौरान आने वाली समस्याओं से निपटने की क्षमता होनी चाहिए। प्राथमिक प्रशिक्षण के बाद युद्ध के दौरान अपनाई जानी वाली रणनीति के साथ अपने स्किल्स का भी परिचय देना होता है। आवश्यकता के अनुरूप आकाश से आकाश में, आकाश से जमीन पर विमान मार्ग को बदलने के स्किल्स भी होनी चाहिए।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.