लवलीना आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। ओलंपिक में पदक के नजदीक पहुंच चुकीं लवलीना ने कल यानी मंगलवार को जर्मनी की अनुभवी नेदिन एपेट्ज को शिकस्त दी। इसके बाद उनकी हर तरफ तारीफ हो रही है। अब देशवासियों को उनसे पदक की पूरी आस है।
नई दिल्ली। 2 अक्टूबर 1997 को असम के गोलाघाट जिले में जन्मीं 23 साल की लवलीना बोरगोहेन ने पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लिया और यहां मुक्केबाजी (69 किग्रा) में मंगलवार को जमर्नी की अनुभवी नेदिन एपेट्ज को शिकस्त देकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। इसके बाद उनकी हर तरफ तारीफ हो रही है। वह पदक से मात्र एक कदम दूर हैं। लवलीना पहले किकबॉक्सिग खेलती थीं लेकिन बाद में उन्होंने मुक्केबाजी में हाथ आजमाया और उन्हें सफलता मिलती चली गई। अब देशवासियों को उनसे पदक की उम्मीद है।
ओलंपिक में जाने वाली असम की पहली महिला खिलाड़ी
वह असम से पहली ऐसी महिला खिलाड़ी हैं, जिसने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। वह शिव थापा के बाद राज्य की दूसरी मुक्केबाज हैं, जो देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। शानदार प्रदर्शन के दम पर लवलीना बोरगोहेन ने 2020 में अर्जुन अवॉर्ड हासिल किया था और वे ऐसा करने वाली असम की छठी व्यक्ति बनी थीं।
जुड़वा बहनें भी रह चुकी हैं राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी
लवलीना बोरगोहेन की बड़ी जुड़वां बहनें लिचा और लीमा राष्ट्रीय स्तर पर किकबॉक्सिंग खेल चुकी हैं। लेकिन बाद में वह अपने खेल को जारी नहीं रख सकीं। लवलीना ने भी पहले अपना करियर एक किकबॉक्सर के तौर पर शुरू किया था, लेकिन बाद में मौका मिलने पर मुक्केबाजी में हाथ आजमाया और सफलता मिलती चली गई। लवलीना बोरगोहेन ने अब तक कई पदक अपने नाम किए हैं।
उपलब्धियां
लवलीना वेल्टरवेट वर्ग में साल 2018 और 2019 में वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम कर चुकी हैं। एशियन चैंपियनशिप में 2017 में और फिर 2021 में उन्होंने वेल्टवेट वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया है। इसके अलावा दिल्ली में पहली बार आयोजित हुई भारतीय ओपन अंतराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया था। वहीं, गुवाहाटी में हुए द्वितीय भारतीय ओपन अंतराष्ट्रीय मुक्केबाज़ी टूर्नामेंट में रजत पदक अपने नाम किया था। 69 किग्रा वर्ग में लवलीना ने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, जिसमें इस समय खेल रहीं हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.