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माव्या ने बढ़ाया कश्मीर का मान, सूबे की पहली महिला फाइटर बनीं

Published - Mon 21, Jun 2021

सूबसूरत वादियों के लिए दुनियाभर में मशहूर कश्मीर में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। कश्मीर के राजौरी जिले के लंबेड़ी गांव में रहने वालीं माव्या सूदन इसका सबसे शानदार उदाहरण हैं। माव्या भारतीय वायुसेना में शामिल होने वालीं जम्मू-कश्मीर की पहली महिला फाइटर पायलट हैं। उनकी इस उपलब्धि पर कश्मीर के लोग खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। माव्‍या देश की 12वीं महिला फाइटर पायलट हैं। आइए जानते हैं देश की होनहार बेटी के बारे में...

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के लंबेड़ी गांव में रहने वालीं 23 साल की माव्‍या सूदन प्रदेश की पहली ऐसी बेटी हैं जिन्‍हें भारतीय वायुसेना में महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव हासिल हुआ है। वह देश की 12वीं महिला फाइटर पायलट हैं। माव्‍या ने 12वीं तक की पढ़ाई जम्‍मू के कार्मल कान्‍वेंट स्‍कूल से की है। उसके बाद उन्‍होंने चंडीगढ़ में डीएवी से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया। बचपन से पढ़ाई में तेज रहीं माव्‍या का शुरू से सपना था कि वह वायुसेना में जाएं। परिवार ने भी उनका पूरा सहयोग किया। ग्रेजुएशन के बाद साल 2020 में माव्या ने वायुसेना की प्रवेश परीक्षा पास की थी। बीते शनिवार को तेलंगाना की डुंडिगल वायुसेना अकादमी में हुए पासिंग आउट परेड में माव्‍या इकलौती महिला फाइटर पायलट के रूप में शामिल रहीं। उनकी इस उपलब्धि से परिवार वाले काफी उत्साहित हैं।
 
बचपन में ही तय कर लिया था बनना है पायलट

माव्या के पिता विनोद सूदन के मुताबिक उन्हें बेटी की इस सफलता पर गर्व है। साथ ही वह यह भी कहते हैं कि अब तक माव्या सिर्फ मेरी बेटी थी, लेकिन अब वह पूरे देश की बेटी बन गई है। माव्या की बहन मान्‍यता भी काफी खुश हैं। वह बताती हैं कि माव्‍य बचपन से ही एयरफोर्स में जाने का सपना देखा करती थी। वह हमेशा फाइटर पायलट बनकर प्‍लेन उड़ाने की बातें करती थी। उसने बचपन में ही यह तय कर लिया था कि बड़ी होकर वह वायुसेना में जाएगी। आज उसका यह सपना पूरा हो गया है।

जूनियर इंजीनियर है बहन

माता वैष्‍णो देवी श्राइन बोर्ड में जूनियर इंजीनियर (जेई) के पद पर काम करने वालीं माव्या की बहन मान्‍यता इस सफलता के लिए बड़ों के आशीष के साथ मां वैष्णो देवी की कृपा भी मानती हैं। वहीं, माव्‍या की मांग सुषमा बेटी की सफलता को लेकर खासी उत्साहित हैं।