काबिलियत का उम्र से कोई ताल्लुक नहीं होता। यह बात तो आपने कई बार लोगों को कहते सुना होगा, लेकिन यह बात एकदम सटीक बैठती है केरल के एर्नाकुलम की सान्वी एम प्राजित पर। महज 10 साल की इस बच्ची ने एक घंटे में 33 डिश बनाकर न केवल लोगों को चौंका दिया, बल्कि एशिया और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम भी दर्ज करा लिया है। आइए जानते हैं छोटी उम्र में बड़ा कारनामा करने वाली इस बच्ची के बारे में ...
नई दिल्ली। देश में युवा प्रतिभाओं की कमी नहीं है। ऐसा ही एक प्रतिभा हैं केरल के एर्नाकुलम की सान्वी एम प्राजित। सान्वी महज 10 साल की हैं, लेकिन बड़े जो काम नहीं कर सकते उसे करके दिखाया है। सान्वी ने एक घंटे से भी कम समय में 33 डिशेज बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। वह ऐसा करने वालीं दुनिया की सबसे कम उम्र की बच्ची हैं। इस अनूठे कारनामे के कारण उनका नाम एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है।
एक घंटे में बनाईं ये डिशेज
सान्वी ने एक घंटे से भी कम समय में जो चीजें बनाई हैं उसमें इडली, वेफल, कॉर्न, फिटर्स, मशरूम टिक्का, उत्तपम, पनीर टिक्का, एग बुल्स आई, सैंडविच, पापड़ी चाट, फ्राइड राइस, चिकन रोस्ट, पैनकेक, अप्पम आदि शामिल हैं। सान्वी एयर फोर्स के विंग कमांडर प्राजित बाबू की बेटी हैं। उनकी मां का नाम मंजिमा है।
यू-ट्यूब पर दूसरों को भी सिखातीं हैं खाना बनाना
विशाखापट्टनम के अपने घर में सान्वी का 33 डिश बनाते हुए ऑनलाइन वीडियो एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स अथॉरिटीज ने देखा। इसके बाद उन्हें ऐसा करने के लिए आमंत्रित किया गया। छोटी बच्ची सान्वी का बड़ा कारनामा देखने के बाद उनके नाम रिकार्ड दर्ज किया गया। मंजिमा ने बताया कि सान्वी को बहुत कम उम्र से कुकिंग का शौक है। वे जब छोटी थी तो अपने पैरेंट्स और दादा-दादी को कुकिंग करते हुए देखती थी। यहीं नहीं, इस बच्ची का अपना यू ट्यूब चैनल भी है जहां वे दर्शकों को आसान तरीके से खाना बनाना सिखाती हैं।
मां से मिली प्रेरणा
सान्वी को इस काम की प्रेरणा अपनी मां मंजिमा से मिली। मंजिमा खुद स्टार शेफ और कुकरी शो की फाइनलिस्ट हैं। सान्वी खुद भी कुकरी शो में अपनी प्रतिभा दिखा चुकी हैं। उनकी उपलब्धि के लिए कुलिनरी फील्ड में उन्हें सराहा भी गया है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.