कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए अलग-अलग राज्य सरकारों ने अपने-अपने यहां लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाए हैं। इन पाबंदियों का सख्ती से पालन कराने का जिम्मा पुलिस पर है। पुलिस अपनी भूमिका बेहतरीन ढंग से निभा रही है। इन सब के बीच कुछ पुलिस वाले अपनी अलग कार्यशैली को लेकर चर्चा में हैं। राजस्थान के बिसाऊ थाने की एसएचओ रिया चौधरी भी ऐसे ही पुलिस अफसरों में शामिल हैं। वह लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई के लिए कभी मुंह को चुनरी से ढंक सादे कपड़ों में बाइक से ही बाजार में निकल पड़ती हैं, तो कभी मास्क न पहनने वालों से 10 से 50 रुपये जुर्माना लेकर उन्हें मास्क बांटती नजर आती हैं। माहौल बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई से भी ये नहीं हिचकती हैं। आइए जानते हैं इस दबंग महिला पुलिस अफसर के बारे में...
नई दिल्ली। बॉलीवुड की फिल्मों में जमाखोरी, चोरी-छिपे व्यापार करने वालों की धरपकड़ के लिए हीरो को हुलिया बदलकर कार्रवाई करते आपने कई बार देखा होगा। आज हम आपको रियल लाइफ की एक ऐसी पुलिस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सच में ऐसा कर रही है। राजस्थान के बिसाऊ थाने की एसएचओ रिया चौधरी क्षेत्र में लेडी सुपर कॉप के नाम से मशहूर हैं। राजस्थान में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ने के कारण पिछले कई दिनों लॉकडाउन लगा हुआ है। संक्रमण ने फैले इसलिए लोगों को घरों में रहने के लिए कहा गया है। आवश्यक वस्तुओं की होम डिलिवरी के निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद बिसाऊ थाना क्षेत्र के कई व्यापारी शटर बंद करके चोरी-छिपे दुकानों से सामान बेच रहे थे। इस कारण लोगों की भीड़ भी इन दुकानों के सामने लग रही थी। इस बात की जानकारी एसएचओ रिया चौधरी को हुई तो वह सादे कपड़ों में एक कॉन्स्टेबल के साथ बाइक पर ऐसे दुकानदारों की धरपकड़ के लिए निकल पड़ी।
ग्राहक बनकर पहुंचीं दुकान, सामान देते ही दबोचा
एसएचओ रिया को बस स्टैंड के पास स्थित बाजार में दुकानों के खुले होने ही सूचना मिली थी। वह बाजार में पहुंची और एक दुकानदार से सामान मांगा। रिया चेहरे को चुनरी से ढंके हुए थीं, इस कारण दुकानदार उन्हें पहचान नहीं सका और सम्मान देने लगा। दुकानदार के ऐसा करते ही रिया ने थाने के स्टाफ को इशारा कर बुलाया और दुकानदार पर जुर्माना लगाने के साथ सीलिंग की कार्रवाई की। इसके अलावा रिया चौधरी ने दो अन्य दुकानदारों पर भी इसी अंदाज में कार्रवाई की।
कानून तोड़ने वालों पर सख्त, गरीबों की मदद में आगे
लॉकडाउन के दौरान एसएचओ रिया चौधरी की निष्ठा और मेहनत की सभी प्रशंसा कर रहे हैं। कोरोना काल में वह एक तरफ जहां कानून तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई करती नजर आ रही हैं, तो दूसरी ओर गरीबों की मदद में भी पीछे नहीं हैं। पिछले दिनों इलाके का साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे 26 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्होंने सभी को एक साथ जेल भेज दिया था। वहीं, बिना हेलमेट, नंबर प्लेट के घूम रहे 161 लोगों के वाहनों का मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान भी काटा। इस दौरान उन्हें राजनीतिक दबाव का सामना भी करना पड़ा, लेकिन वह अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटीं। बीते एक महीने में वह मास्क ना पहनने वाले 400 से ज्यादा लोगों का चालान भी काट चुकी हैं। वर्दी की जिम्मेदारी से इतर वह लोगों की मदद में भी जुटी हैं। वह कई सामाजिक संगठनों के साथ जरूरतमंद लोगों को खाना मुहैया करने में जुटी हैं। लॉकडाउन में फंसे कुछ लोगों को उनके घर तक पहुंचाने का इंतजाम भी उन्होंने किया है।
दो सरकारी नौकरी छोड़ खाकी को चुना
रिया चौधरी का जन्म राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर तहसील के दौलताबाद गांव में हुआ था। वह बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थीं। उन्होंने एमए करने के बाद बीएड किया। इसके बाद सरकारी स्कूल में बतौर टीचर उनकी नौकरी लग गई। इसके बाद उन्होंने जीएनएम पद की परीक्षा पास की और साल 2011 से 2014 तक सरकारी नर्स की नौकरी की, लेकिन उन्हें पुलिस की वर्दी बार-बार अपनी ओर आकर्षित करती। अंत में उन्होंने साल 2014 में पुलिस फोर्स में जाने का फैसला किया। इसी साल उन्होंने राजस्थान पुलिस के सब इंस्पेक्टर पद की परीक्षा दी और उसे पास भी हो गईं। रिया चौधरी के पति महेंद्र मैनसार रतनगढ़ के रहने वाले हैं और वह भी भारतीय सेना में हैं।
जहां रहीं, वहां मिली प्रशंसा
पुलिस सेवा में रिया चौधरी के अब तक के सफर के बारे में बात करें तो ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें पहली नियुक्ति सीकर कोतवाली में मिली। वह यहां साल 2017 तक कार्यरत रहीं। साल 2018 में झुंझुनू कोतवाली में अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद वह कुछ समय तक ट्रैफिक पुलिस में भी रहीं। साल 2019 में पहली बार उन्हें मंडावा थाने का प्रभारी बनाया गया। फिलहाल वह बिसाऊ थाने में एसएचओ पद पर कार्यरत हैं। अपने अब तक के कॅरियर में वह जहां भी तैनात रहीं, लोगों ने उनके कार्य की सराहना की है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.