मेघना की जिंदगी में बचपन से लेकर इस उम्र तक कई उतार-चढ़ाव आए, पर उन्होंने कभी हार नहीं मानी। खुद पर भरोसा किया और पहले एक सफल बैंकर और अब बतौर शेफ अपनी जिंदगी बेहद स्वतंत्रता के साथ जी रही हैं।
मेघना कामदार, गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली हैं। वह कभी बैंकर हुआ करती थीं लेकिन मां बनने के बाद उनकी जिंदगी में ऐसा बदलाव आया कि आज वह एक मशहूर शेफ हैं। उनका जन्म आर्थिक रूप से मजबूत व्यवसायी परिवार हुआ। उनका बचपन बहुत अच्छी तरह से बीता। लेकिन व्यवसाय में कुछ परेशानियां आईं और घाटे के चलते उनके परिवार को अप्रत्याशित वित्तीय संकट से गुजरना पड़ा। इसका असर मेघना पर भी हुआ। जब वह कॉलेज में थी, तभी अपने परिवार को आर्थिक सहयोग देने के लिए उन्होंने पढ़ाई के साथ एक एजेंसी में अंशकालीन काम करने लगी।
यहां पर उन्होंने बैंकिंग की बारीकियों को सीखा और इस क्षेत्र में माहारत हासिल कर ली। स्नातक पूरा करने के बाद पहले एक रिसेप्शनिस्ट और बाद में बतौर शेयर ब्रोकर काम करने लगी। फिर एक फाइनेंस कंपनी की ग्राहक सेवा के लिए काम करने का मौका मिला, तो वहां चली गई। इस बीच उनकी शादी हो गई। मेघना ने बैंकिंग क्षेत्र में बहुत कामयाबी हासिल की। बैंकिंग में नौकरी के दौरान उन्होंने संचालन और प्रशासन से संबंधित कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। उनके काम से सभी प्रभावित थे, और वह भी नौकरी से खुश थी। पर जब मां बनने का समय आया तभी उनके पति का स्थानांतरण मुंबई हो गया। नतीजतन उन्हें भी नौकरी छोड़कर अपने पति के साथ जाना पड़ा। बच्ची के जन्म के बाद उन्हें घरवालों की तरफ से वैसा सपोर्ट नहीं मिला जैसी उनको जरूरत थी। इसी वजह से उन्होंने शेफ बनने के बारे में सोचा। बैंकर से शेफ बनने का सफर इतना आसान भी नहीं था, क्योंकि उन्हें खाना बनाना नहीं आता था। लेकिन मेहनत के बल पर आखिरकार बतौर शेफ खुद को लोगों के सामने लाने में सफल रही।
अवसाद का सामना
अधिकांश महिलाएं, जिन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती है और लंबे समय तक घर में रहकर बच्चे की देखभाल करना पड़ता है, अवसाद में चली जाती हैं। यही मेघना के साथ भी हुआ। हालांकि मुंबई में उसी कंपनी में उन्हें दोबारा नौकरी मिल गई। लेकिन कुछ माह बाद अपनी बच्ची की देखभाल के लिए उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी।
शेफ बनने का सपना
मेघना एक बार चावल बनाने की कोशिश कर रही थी उसी दौरान कुकर फट गया। गनीमत रही कि किसी को भी किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा। उसी समय मेघना ने प्रण लिया कि बच्ची के लिए ही सही, वह एक बेहतर रसोइया बन कर रहेंगी। आज उन्होंने अपना सपने को हकीकत में बदल दिया है। मेघना ने नए व्यंजन बनाने और खाना पकाने की विभिन्न शैलियों को सीखने के लिए एक कोर्स भी किया।
सोशल मीडिया से कमाई
मेघना दोबारा नौकरी नहीं करना चाहती थी, इसलिए एक यूट्यूब चैनल खोल लिया। उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर लोगों के विचार पढ़ने शुरू किए। जब उन्होंने खाना बनाने के अपने तरीके बताने शुरू किए, तो लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली। हालांकि कई लोग निगेटिव कमेंट्स भी करते थे लेकिन पॉजिटिव रिस्पांस ज्यादा मिला। आज रेसिपी वीडियो से मेघना की आमदनी भी हो रही है, और वह अपने काम को लेकर स्वतंत्र भी हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.