महिलाओं को मौका मिले तो वह पुरूषों से भी बढ़कर हर काम कर सकती हैं। कुछ ऐसा ही कर रही हैं ओडिशा की रहने वाली मोनालिसा जो ट्रक, ट्रैक्टर, वॉल्वो बाइक सब चला लेती हैं। साथ ही घुड़सवारी भी करती हैं, उनकी खासियत यह है कि वह इन सभी कामों को भारतीय परिधान यानी साड़ी में करती हैं।
नई दिल्ली। आज के आधुनिक युग में साड़ी पहनना बहुत कम महिलाएं पसंद करती हैं, लेकिन ओडिशा की रहने वाली मोनालिसा भद्र अपना हर काम भारतीय परिधान यानी साड़ी में ही करती हैं। हाल ही साड़ी में घुड़सवारी करते उनका वीडियो वायरल हुआ है, जिसे सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है।
ट्रक, ट्रैक्टर, वॉल्वो, बाइक सब चला लेती हैं
मोनालिसा के यू ट्यूब पर 22 लाख फॉओवर्स हैं। वह आए दिन कोई न कोई नया वीडियो अपलोड करती रहती हैं। बुलट यानी बाइक चलानी हो, ट्रक या टैक्टर या घुड़सवारी करनी हो, उन्हें हर काम में महारत हासिल है। वह पुरूषों वाले सभी काम आसानी से कर लेती हैं। इससे पहले उन्होंने बुलट चलाते , वॉल्वो बस, ट्रक, ट्रैक्टर चलाते हुए ढेरों वीडियो डाले हैं। इनकी खासियत यह है कि यह सभी उन्होंने साड़ी पहनकर ही चलाए हैं, लेकिन इस बार घुड़सवारी का वीडियो उनका खूब वायरल हो रहा है। उन्होंने अपने हुनर से यह साबित कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।
पशुओं से है खास लगाव
मोनालिसा को पशुओं से भी खास लगाव है, इसलिए उन्होंने अपने घर में कई पशु पाले हुए हैं। उनका पूरा दिन घर के कामों और उनकी देखभाल करने में ही गुजरता है। गांव के लोग मोनालिसा की इस प्रतिभा को देखकर काफी हैरान है। सोशल मीडिया पर जो भी मोनालिसा के वीडियोज देखता है, वो उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाता है। मोनालिसा ने महिलाओं को आगे बढ़ने का नया नजरिया दिया है। उनकी मानें तो इस काम में उनकी मदद उनके पति बद्रीनारायण भद्र ने की है, उन्होंने ही साल 2016 में उनका यू ट्यूब चैनल बनाया था। जिसे अब काफी पसंद किया जा रहा है। जिसके कारण आज वह इतनी प्रसिद्धि पा रही हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.