मथुरा की नेहा ताइक्वांडो चैंपियन हैं। वह महिलाओं के लिए एक प्रेरणा भी हैं। नेहा ने अपना सपना शादी होने और मां बनने के बाद पूरा किया है।
मथुरा। शादी होने और मां बनने के बाद युवतियों को लगता है कि अब यहीं जीवन है। घर-गृहस्थी परिवार और बच्चे की देखभाल। इसी उधेड़बुन में वो अपने सपने को जीते जी मार देती हैं। लेकिन मथुरा की नेहा ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने सपने को जिया और वक्त आने पर उसे पूरा भी किया। ये कहानी है उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की नेहा की। नेहा ने नेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिता में नेहा ने हरियाणा की तरफ से खेलते हुए गोल्ड और सिल्वर मेडल जीता है। हरियाणा के गांव सरभथला की रहने वालीं नेहा की शादी 2011 में मथुरा के अजीजपुर गांव के अजीत से हुई थी। मायके में रहते हुए नेहा ने ताइक्वांडो में कई प्रतियोगिता जीती थीं, लेकिन शादी के बाद नेहा को लगा कि अब शायद वो इस खेल को कभी न खेल पाएं। शादी के बाद नेहा के ऊपर परिवार का बोझ आ गया। घर का कामकाज, परिवार की देखभाल के बीच भी नेहा ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा और एमकॉम किया। जब बच्चे बड़े हुए और स्कूल जाने लगे तो उन्होंने दोबारा इसकी प्रैक्टिस शुरू की। उनके हौसले को देखते हुए परिवार ने भी उनकी मदद करना शुरू किया। नेहा ने स्टेट लेवल से लेकर राष्ट्रीय लेवल तक की प्रतियोगिताओं में भाग लिया और नेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिता में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीता है।
झांसी की रानी है प्रेरणा
नेहा की प्रेरणा झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हैं। वह कहती हैं कि हमेशा उनके मन में था कि वो कुछ अलग करके दिखाएं, जिससे समाज में यह संदेश जाएकि शादी के बाद जिंदगी खत्म नहीं होती। इसी पर काम करते हुए उन्होंने मेहनत करना जारी रखा। उसका नतीजा ही था कि जब भी नेहा मैदान में उतरीं,तो उन्होंने सामने वाले खिलाड़ियों के पसीने छुड़ा दिए। नेहा कहती हैं कि वो चाहती हैं कि वो इस खेल में देश का नाम रोशन करें।
पढ़ाई और मेहनत साथ-साथ
नेहा की शादी 2011 में मथुरा के अजीजपुर में हुई। हरियाणा की नेहा अब मथुरा की बहु बन चुकी थीं। पति अजीत के साथ उन्होंने अपने सपने को साझाकिया, तो पति ने आगे बढ़ने के लिए कहा, लेकिन परिवार के बीच फंसी नेहा को लगा कि अब सपना पूरा नहीं होगा। पर हिम्मत और कड़ी मेहनत के बादनेहा ने पढ़ाई और प्रैक्टिस दोनों जारी रखीं और आज वो इस मुकाम पर पहुंच चुकी हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.