ग्लैमर वर्ल्ड में फिट बॉडी को ही सफलता की सीढ़ी माना जाता है। महिला कलाकारों और मॉडलों में जीरो फिगर का चलन किसी से छिपा नहीं है। इन तमाम मान्यताओं और धारणाओं को झुठलाते हुए देश की एक बेटी नेहा पारूलकर ने अपने लिए अलग राह चुनी। वह अपने मोटापे को लेकर कभी शार्मिंदा नहीं हुई और न ही अपना वजन घटाने के बारे में कभी सोचा। उसने ठान लिया था कि वह जैसी है वैसे ही रहते हुए मॉडलिंग की दुनिया में अपनी पहचान बनाएगी। उसने मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा तो तमाम लोग उनका मजाक उड़ाने सामने आ गए। सोशल मीडिया पर भद्दे कमेंट किए गए, लेकिन नेहा ने हार नहीं मानी और आज मनचाहा मुकाम हासिल कर ग्लैमर वर्ल्ड में शोहरत बटोर रहीं हैं। नेहा का यह सफर आसान नहीं रहा, उन्हें तमाम तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं नेहा के संघर्ष की कहानी....
नई दिल्ली। मुंबई की रहने वाली नेहा पिछले चार साल से प्लस साइज मॉडल के तौर पर ग्लैमर वर्ल्ड में छाई हुई हैं। नेहा वैसे तो काफी समय से मॉडलिंग की दुनिया में सक्रिय थीं, लेकिन साल 2016 में जब भारत में पहली बार प्लस साइज मॉडल्स का फैशन शो हुआ, तो देशभर में चर्चा में आ गईं। नेहा परुलकर ने फैशन शो के दौरान पूरे आत्मविश्वास के साथ रैम्प पर कैटवॉक कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। इस आयोजन के बाद पूरे देश में प्लस साइज मॉडल्स को लेकर लोगों की धारणा बदलने लगी। सोशल मीडिया पर नेहा को ट्रोल करने वालों से ज्यादा उनकी तारीफ करने वाले सामने आने लगे। नेहा को भारतीय समाज में मॉडल की छवि बदलने में अहम भूमिका अदा करने वाली रोल मॉडल के तौर पर भी जाना जाता है। अपने सफर के बारे में नेहा बड़ी बेबाकी से कहती हैं कि उन्हें इंडियन ग्लैमर इंडस्ट्री के बारे में ज्यादा आइडिया नहीं था। लेकिन यह पढ़ और देख रखा था कि बॉडी पॉजिटिविटी और प्लस साइज मॉडल का क्रेज विदेशों में खूब है। यह सब जानने के बाद उनके दिमाग में आया कि यह सब देश में क्यों नहीं हो सकता। इसके बाद ही मैंने मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखने का फैसला किया। 2016 में हुए फैशन शो के बाद नेहा के पास कई मॉडलिंग प्रोजेक्ट के ऑफर आए, जिसे उन्होंने खुशी-खुशी साइन कर लिया। आज वह किसी के परिचय की मोहताज नहीं हैं।
लोगों की सोच बदलना बड़ी चुनौती
नेहा कहती हैं कि विदेशों में भले ही यह सब आसान हो, लेकिन भारत में यह सब आसान नहीं है। देश के लोगों की मानसिकता बदलना किसी चैलेंज से कम नहीं है। यहां प्लस साइज मॉडलिंग के बारे में लोगों को समझाना टेढ़ी खीर जैसा है। यही वजह है कि आज भी देश के अधिकांश ब्रांड्स स्लिम मॉडल्स के ही हिस्से में जाते हैं। ब्रांड्स के पास प्लस साइज मॉडल के लिए कोई विकल्प नहीं होता। लोगों के साथ इंडस्ट्री में रची-बसी अधिकांश मॉडलिंग एजेंसी भी इन मॉडल्स के साथ काम करना खतरे से खाली नहीं मानती। ज्यादातर को लगता है कि यदि प्लस साइज मॉडल्स को पसंद नहीं किया गया तो उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। साथ ही वह यह भी कहती हैं कि अब धीरे-धीरे लोगों की सोच में बदलाव आ रहा है। इसका नतीजा यह है कि मेरे और मेरी जैसी अन्य मॉडल्स के पास अब कई ऑफर आने लगे हैं।
सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वालों को नहीं दूसरों की भावनाओं की परवाह
अपने संघर्ष का जिक्र आते ही नेहा थोड़ा निराश हो जाती हैं। वह कहती हैं कि सोशल मीडिया पर आप को ट्रोल करने वाले आपकी भावनाओं की बिल्कुल कद्र नहीं करते हैं। उन्हें इससे मतलब नहीं होता कि उनके कमेंट्स से आपको कितना बुरा महसूस होगा। वह कहती हैं कि ऐसा एक भी दिन नहीं जाता जब ट्रोल करने वाले उन्हें सोशल मीडिया पर उनके मोटे होने का अहसास न कराते हों। हालांकि अब वह ऐसी बातों और कमेंट्स की परवाह नहीं करती हैं। अब जब कोई उनकी बुराई करता है या फिर निगेटिव कमेंट्स करता है तो वह उसका जवाब पॉजिटिव कमेंट्स से देती हैं।
'ईश्वर ने हमें एक ही जिंदगी दी है, इसे किसी की बातों में आकर बर्बाद क्यों करना'
नेहा बताती हैं कि भारतीय फैशन इंडस्ट्री आज भी प्लस साइज मॉडल्स को सही अवसर नहीं मिल रहा है। इससे वह थोड़ी निराश हैं। वह अपना अनुभव बताते हुए कहती हैं कि कई बार ऐसा हुआ कि उन्हें या तो फ्री में काम करना पड़ा या फिर उनकी डील कैंसिल हो गई। नेहा मोटापे को समस्या मानने वाले युवक-युवतियों को सलाह देती हैं कि, सिर्फ मोटापा किसी की पहचान नहीं हो सकता। किसी भी शख्स को उसके वजन या आकार के आधार पर नहीं आंका जा सकता है। वह तमाम लड़कियों को संदेश देती हैं कि जो अपने मोटापे की वजह से निराश हैं। वे कहती है- 'ईश्वर ने हमें एक ही जिंदगी दी है। इसे किसी की बातों में आकर बर्बाद मत कीजिए। निगेटिव बातों पर ध्यान न दिजिए, हमेशा पॉजिटिव रहिए।'
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.