कानपुर के मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में 19 लड़कियों-महिलाओं का पहला बैच शुरू किया गया है। इसमें कानपुर की 14, आगरा की तीन, इटावा की एक तथा अलीगढ़ की एक लड़की शामिल है।
आपने महिलाओं को बस चलाते शायद ही देखा होगा। लेकिन महिलाओं के सुरक्षित सफर के लिए उत्तर प्रदेश में अब पिंक एसी बसों की स्टीयरिंग जल्द ही महिला ड्राइवरों के हाथ में होगी। इसके लिए कानपुर के विकास नगर के मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में 1 मार्च को 19 लड़कियों-महिलाओं के बैच का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। कानपुर के अतिरिक्त आगरा व अलीगढ़ की लड़कियां भी इसमें शामिल हैं। प्रशिक्षण के पहले दिन लड़कियों को कोर्स सम्बंधी जानकारी दी गई।
महिला सशक्तीकरण के तहत यूपी में महिलाओं को बस चालक बनाने की पहली बार कौशल विकास मिशन के तहत ट्रेनिंग दी जा रही है। महिला चालक बनने के लिए प्रदेश भर से लड़कियों ने आवेदन किए। इनमें से अभी 19 का चयन किया गया है। एक सप्ताह तक डेमो क्लासेस लगाई जाएंगी। इस बीच अन्य लड़कियां चाहें तो प्रशिक्षण के लिए इंस्टीट्यूट में संपर्क कर सकती हैं। सात महीने के प्रशिक्षण के बाद उनको डिपो में 17 महीने की तैनाती देकर मानदेय दिया जाएगा।
इन लड़कियों की ट्रेनिंग शुरू
प्रशिक्षण के पहले दिन कानपुर की 14, आगरा की तीन, इटावा की एक तथा अलीगढ़ की एक लड़की विकास नगर स्थित ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पहुंचीं। इनमें कानपुर की अनिष्का दोहरे, प्रज्ञा शुक्ला, अंशिका द्विवेदी, दिव्या द्विवेदी, नैन्सी गुप्ता, सौम्या बाजपेई, सुमेधा कुशवाहा, आंचल सिंह, आज्ञा रावत, श्वेता बाजपेई, अंतिमा मिश्रा, यशी अवस्थी, अमित कमल, गीता सिंह, आगरा की सोनिया, पूनम शर्मा, संगीता चौहान, इटावा की नाज फातिमा, अलीगढ़ की मंजू शामिल हैं।
सात महीने इंस्टीट्यूट में होगी ट्रेनिंग
प्रशिक्षुओं को 200 घंटे एलएमवी चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद 400 घंटे का एचएमवी (भारी वाहन) चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद उनकी डिपो में तैनाती की जाएगी। वहां 17 महीने रहना होगा। 24 महीने बाद डिपो में संविदा चालक के रूप में तैनाती होगी। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन कक्षाएं लगेंगी। पहले थ्योरी फिर प्रैक्टिकल होगा। प्रशिक्षण के बाद परीक्षा भी देनी होगी। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद कामर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान हास्टल में रहना व खाना निशुल्क होगा।
महिलाओं को बस चलाने का प्रशिक्षण देने की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत महिला चालकों के प्रशिक्षण का यह पहला प्रयास है। देश भर में इस तरह का प्रयोग अभी तक नहीं हुआ है। महिला सशक्तिकरण के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उनको आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। - एसपी सिंह प्रधानाचार्य, मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.