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पटना की 'जज बिटिया' अर्चना

Published - Sat 04, Jan 2020

पटना की अर्चना ने बचपन में पिता से वादा किया था कि वह एक दिन जज बनेगी और उसने पिता से किए इस वादे को निभाया और आज वह जज की कुर्सी तक पहुंच चुकी है।

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पटना। अर्चना ने बचपन में अपने पिता को अदालत में चपरासी का काम करते देखा। पिता दिनभर जज साहब के पास रहते। जज साहब को मिलने वाले सम्मान और रुतबे को देखकर अर्चना ने पिता से कहा कि पापा मैं भी एक दिन जज बनूंगी, पिता ने बेटी की बात को हंसी में टाल दिया, लेकिन अर्चना बचपन में ही ठान चुकी थीं कि वो जज बनूंगी और परिवार का नाम रोशनी करूंगी। आज अर्चना ने बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा पास  कर ली है और जल्द ही जज बन जाएगी। लेकिन उनकी कामयाबी देखने के लिए जज की कोठी में रहने के लिए उसके पिता इस दुनिया में नहीं हैं।  पटना के धनरूआ थाना अंतर्गत मानिक बिगहा गांव की अर्चना पटना के कंकड़बाग में रहती थीं और आज वे अपने गांव में 'जज बिटिया' के नाम से मशहूर हो रही हैं। पटना के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय, शास्त्रीनगर से बारहवीं पास अर्चना ने पटना यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी ऑनर्स किया है।

जब उठ गया पिता का साया
अर्चना ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहीं थीं, इसी बीच 2005 में उनके पिता गौरीनंदन प्रसाद की असामयिक मृत्यु हो गई और छोटे भाई-बहनों की जिम्मेदारी उनपर ही आ गई। उन्होंने कंप्यूटर टीचर की जॉब कर ली। घरवालों के दबाव पर  21 साल में ही मेरी शादी कर दी गई, लेकिन उनके पति राजीव रंजन ने अर्चना की मदद की और शादी के दो साल बाद साल 2008 में पुणे विश्वविद्यालय में अर्चना का एलएलबी कोर्स में दाखिला करा दिया।

बच्चे को भी संभाला और सपना भी पूरा किया
कानून की पढ़ाई पूरी कर जब वे वापस पटना लौटीं तो उन्हें पता चला कि वो गर्भवती हैं। फिर साल 2012 में उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म के बाद उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई थी। लेकिन अर्चना ने एक मां की जिम्मेदारी को निभाते हुए अपने सपनों को पूरा करने की जिद को भी पाले रखा।
वो अपने 5 माह के बच्चे और अपनी मां के साथ आगे की पढ़ाई और तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं। यहां उन्होंने एलएलएम की पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की और साथ ही अपनी आजीविका के लिए कोचिंग भी चलाया। आखिर अर्चना ने जो सोचा था, उसे पूरा किया और आज वह जज की कुर्सी तक पहुंच चुकी हैं। अर्चना का कहना है कि मुश्किलों से डरें, नहीं हिम्मत से आगे बढ़ते रहें, सफलता जरूर आपके कदम चूमेगी।