मसालों के लिए दुनियाभर में मशहूर भारत के कई व्यंजन विदेशियों को काफी आकर्षित करते हैं। कई व्यंजन विदेशों में अपनी पहचान बना चुके हैं। पश्चिम बंगाल के कोलकाता की मशहूर 'काठी रोल' भी इन्हीं व्यंजनों में से एक है। लजीज काठी रोल के दीवाने आज ब्रिटेन के लंदन से लेकर अमेरिका के न्यूयॉर्क तक हैं। कोलकाता के 'काठी रोल' को विदेशों में पहचान दिलाई है यहीं की एक बेटी पायल साहा ने। पायल ने इस डिश को घर-घर तक पहुंचाने के लिए ‘द काठी रोल कंपनी’ बनाई है। आज इस कंपनी की बदौलत वह करोड़ों रुपये कमा रही हैं।
नई दिल्ली। कोलकाता की मशहूर ‘काठी रोल’ यहां के लोगों की पसंदीदा डिशेस में से एक है। इसका स्वाद लाजवाब है। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि काठी रोल (Kathi Roll) के दीवाने आज ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक हैं। विदेशों में भारत की इस डिश की धाक जमाने और पहचान दिलाने का श्रेय जाता है कोलकाता की बेटी पायल साहा को। इन्होंने विदेशों में कोलकाता के इस मशहूर व्यंजन को घर-घर तक पहुंचाने का काम किया है। व्यापार में किसी भी तरह का कोई अनुभव न होने के बावजूद, पायल ने अमेरिका में अपना खुद का फूड स्टार्टअप ‘द काठी रोल कंपनी’ (The Kathi Roll Company) शुरू किया। अपने इस सफर के बारे में पायल बताती हैं कि उनका बचपन कोलकाता की गलियों में मिलने वाले काठी रोल को खाते हुए ही बीता है। यह उन्हें काफी पसंद है। अमेरिका सेटल होने के बाद वह इसे काफी मिस करती थीं। इस कारण काठी रोल को खुद वहां बनाने का फैसला किया। इसे खुद खाने के साथ पड़ोसियों को भी खिलाया, तो उन्हें भी काफी पसंद आया। यहीं से द काठी रोल कंपनी खोलने का आइडिया आया। बहुत छोटे स्तर पर शुरू किया गया यह व्यापार आज करोड़ों रुपये का हो गया है। न्यूयॉर्क और लंदन में काठी रोल के 4 आउटलेट्स हैं।
न्यूयार्क की तेज रफ्तार जिंदगी ने आसान किया सफर
पायल जब 22 साल की थीं तभी उनकी शादी हो गई। शादी के बाद वह पति के साथ अमेरिका चली गईं। वह बतातीं हैं, मैं साल 2000 में अमेरिका आई तब मुझे पता चला कि वीजा प्रतिबंधों के कारण मैं यहां काम नहीं कर सकती हूं। लेकिन मेरे पास कोई बिजनेस शुरू करने का विकल्प हमेशा से मौजूद था, इसलिए मैंने यही किया। पायल के मुताबिक न्यूयॉर्क में जिंदगी बहुत तेज चलती है। सब काफी जल्दी में रहते हैं। ऐसे में लोगों के लिए ऑफिस या बाजार आते-जाते समय रास्ते में कुछ मिनट रुककर काठी रोल खरीदकर आगे बढ़ जाना एक अच्छा विकल्प था। काठी रोल की एक और अच्छी बात यह है कि लोग इसे स्नैक या मील (Food) के तौर पर भी खा सकते हैं। यह ऐसा खाना है जो किफायती होने के साथ ही आपका पेट भी अच्छे से भरता है। साल 2002 में पायल ने अपना पहला आउटलेट शुरू किया। इस आउटलेट में खासतौर पर छात्रों और देर रात पार्टी से लौटने वाले लोगों को काठी रोल सर्व किया जाता था। वह बतातीं हैं कि उन्होंने 2005 में, मिडटाउन में अपना दूसरा आउटलेट शुरू किया। 2007 में लंदन में तीसरा आउटलेट और मार्च 2012 में चौथा आउटलेट शुरू किया।
सफाई करने वाली महिला के साथ मिलकर शुरू किया बिजनेस
पायल से जब यह पूछा जाता है कि क्या आपने बिजनेस को लेकर कोई प्लान बनाया था, तो वह बड़ी बेबाकी से कहती हैं कि अब से कुछ साल पहले तक अगर कोई मुझसे मेरा बिजनेस प्लान पूछता, तो शायद मैं कहतीं कि, आप क्या पूछ रहे हो? पायल के बिजनेस की शुरुआत काफी दिलचस्प रही। शुरू में कोई साथी नहीं मिलने के कारण उन्होंने अपने घर में सफाई करने वाली महिला के साथ मिलकर अपना पहला आउटलेट खोला। वह बताती हैं कि आउटलेट का कोई शानदार उद्घाटन नहीं किया था। बस हमने स्टोर का शटर उठाया और काठी रोल बेचना शुरू कर दिया। पहले दिन हमारी कमाई 50 डॉलर हुई। यह एक अच्छी शुरुआत थी, इससे हम काफी खुश हुए। धीरे-धीरे आउटलेट बढ़े और उनके ब्रांड का नाम भी बड़ा हुआ। आज उनके यहां कुल 116 कर्मचारी काम करते हैं।
डेढ़ लाख डॉलर उधार लेकर शुरू किया व्यापार
पायल ने बिजनेस शुरू करने के लिए अपने दोस्तों और परिवार से डेढ़ लाख डॉलर उधार लिया था। वह बताती हैं कि पहला आउटलेट खोलने के तकरीबन 18 महीने में ही उन्होंने जितनी रकम बिजनेस में लगाई थी वह कमा लिया।
आउटलेट खोलने के बाद सीखा व्यापार का हुनर
अपने कारोबार को पहचान दिलाने के सफर के बारे में पायल बताती हैं कि जब मैंने शुरुआत की, तो मुझे नहीं पता था कि कैसे अलग-अलग वेंडर से जुड़ा जाता हैं। ऐसे तो वह स्टोर में जाकर सभी जरूरी सामान (रॉ मटेरियल) खरीद सकतीं थीं, लेकिन इससे उन्हें सब कुछ खुदरा मूल्य (रिटेल प्राइस) पर मिलता। इससे उनकी लागत बढ़ जाती। इस समस्या से निपटने के लिए वह अक्सर स्टोर के बाहर वहां माल लेकर आने वाले ट्रकों का इंतजार करती थीं। जब वह आते तो पायल उनसे जाकर बात करतीं और उनका फोन नंबर ले लेती थीं। बाद में उनसे अपनी जरूरत के हिसाब से संपर्क करके सामान खरीदती थीं। पायल कहतीं हैं, वह मेरे लिए सीखने का समय था और आज जब मैं इस बारे में सोचतीं हूं, तो खुशी मिलती है कि मैंने वह सब किया।
मुंबई आकर एक आउटलेट में काम कर काठी रोल बनाना सीखा
पायल अपने आउटलेट में लोगों को काठी रोल का सही भारतीय स्वाद परोसना चाहतीं थीं। इसलिए वह मुंबई आईं और यहां उन्होंने ‘चौरंगी लेन’ नामक एक रोल की आउटलेट में काम किया। वह कहतीं हैं, मैं जितना सीख सकती थी, मैंने सीखा। यह इसलिए भी जरूरी था ताकि जो लोग मेरे यहां काम करने आएं मैं उन्हें सिखा सकूं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.