Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

जहान गीत के लिए ढोल बजाना शौक नहीं बल्कि जुनून बन गया

Published - Tue 16, Feb 2021

ढोल बजाना जहान गीत का शौक है, लेकिन जब उन्होंने बजाना चाहा तो पता चला कि ढोल बजाना समाज की पारंपरिक सोच से अलग है। आज स्टेज पर ढोल बजाते हुए देखकर कई लोग उनसे प्रेरित होते हैं।

jahan geet singh

ढोल पंजाबियों का एक पारंपरिक वाद्य यंत्र है और आपने इसे पुरुषों को ही बजाते देखा होगा। लेकिन, चंडीगढ़ की रहने वाली जहान गीत सिंह ने इस परंपरा को तोड़ा है। 21 साल की जहान गीत दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला ढोल वादक हैं। जब वह 12 साल की थीं और ढोल की आवाज सुनती थी तो उनका भी खूब बजाने का मन होता है। लेकिन एक बार उन्होंने अपने चचेरे भाई को एक इवेंट में ढोल बजाते सुना और उसकी कायल हो गई। उन्होंने वहीं निश्चित कर लिया कि उन्हें ढोल बजाना सीखना ही है। 
यह बात जब उन्होंने अपने घर में बताई, तो सबको हैरानी हुई। क्योंकि सबने हमेशा पुरुषों को ही ढोल बजाते देखा था। हालांकि उनके पिता जी मान गए और उस्ताद ढूंढ़ना शुरू कर दिया। लेकिन उनके पिता ने लगभग सभी उस्तादों से बात की और ने ढोल बजाना सिखाने से मना कर दिया। जब वे सुनते थे कि लड़की को ढोल बजाना सिखाना है, तो उनके चेहरे पर जहान गीत के लिए एक हीन भावना आ जाती थी। मानो वे लोग सवाल कर रहे थे कि एक लड़की ऐसा सोच भी कैसे सकती है। खैर, उस्ताद की तलाश जारी रही, और काफी कोशिशों के बाद सरदार करतार सिंह मिले। वह ढोल सिखाने के लिए तैयार हो गए। उस वक्त उस्ताद को लगा था कि लड़की की जिद है और जल्दी ही वह सीखने से मना कर देगी। बीतते वक्त के साथ उन्हें समझ में आया कि लड़की को वास्तव में ढोल सीखने का जुनून है। उसके बाद उस्ताद जी ने घर पर आकर सिखाना शुरू किया। 

चुनौतियां भी खूब सामने आई

जहान गीत के सामने उस उम्र में ढोल का वजन संभालना भी एक बड़ी चुनौती थी। कई बार रियाज करते समय उनके हाथों में छाले पड़ जाते थे, तो कई बार खून भी निकलने लगता था। पर उनके दिमाग में बस एक ही धुन सवार थी कि बाकी ढोलियों की तरह घंटों तक ढोल बजाना है। कुछ वक्त सीखने के बाद उन्होंने अपनी पहली पब्लिक परफॉरमेंस चंडीगढ़ में दी।   

प्रोत्साहन मिला तो ताने भी सुने 

वहां पर जितने भी लोग थे, उनके लिए यह बहुत नया था। उनकी परफॉरमेंस के समय सब कुछ पल के लिए खामोश हो गया था, क्योंकि वहां उपस्थित सभी लोगों को लगा था कि शायद यह लड़की ऐसे ही ढोल लेकर स्टेज पर आई है और उसे किनारे रखकर नृत्य या कुछ और करेगी। लेकिन जब उन्होंने ढोल बजाया सभी लोग उस धुन के कायल हो गए। दर्शकों से खूब सराहना भी मिली, वहीं दोस्तों, रिश्तेदारों को पता चलते पर प्रोत्साहन के साथ-साथ ताने भी सुनने को मिले।

खुशी भी मिलती है

 

एक बार जाहन एक कार्यक्रम में प्रस्तुति दे रही थीं। जैसे ही वह अपनी पर्फामेंस खत्म करके नीचे उतरी तो एक महिला उनके पास आईं और गले लगकर रोने लगीं। उस महिला ने कहा कि उनकी बेटी बहुत अच्छा भांगड़ा करती थी, पर लोगों की बातों के चलते उसने छोड़ दिया। लेकिन तुम्हें ढोल बजाते देख मुझे एहसास हुआ कि मैं भी अपनी बेटी को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करुंगी। पिछले आठ-दस वर्षों में जहान गीत तीन-चार सौ समारोह में प्रस्तुति दी चुकी हैं।