'छोटा बच्चा समझ के हमसे न टकराना रे...' एक हिंदी फिल्म का यह गाना तो आपने सुना ही होगा। बच्चों की प्रतिभा और तेज दिमाग की ओर से इशारा करता यह गाना एकदम सटीक बैठता है दुबई में रहने वाली भारतीय मूल की पांच वर्षीय बच्ची प्राणवी गुप्ता पर। इस छोटी उम्र में वह महज 4 मिनट में 195 देशों का नाम बोल देती है। उसकी इस प्रतिभा से अच्छे-अच्छे हैरान हैं। प्राणवी की इस अनोखी प्रतिभा के कारण उनका नाम इंडिया और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो चुका है।
नई दिल्ली। आज के दौर में ज्यादातर पैरेंट्स की यह शिकायत होती है कि मोबाइल-टीवी ने उनके बच्चों को बिगाड़ दिया है। हालांकि टेक्नोलॉजी के इस दौर में कई बच्चे मोबाइल और टीवी की मदद से ही काफी कुछ सीख व कर रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसी बिटिया के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने मोबाइल से सीख कर महज पांच साल की उम्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर मोबाइल के इस्तेमाल से कोई कैसे रिकॉर्ड बना सकता है, तो चलिए आपको बताते हैं। हम बात कर रहे हैं दुबई में रहने वाली भारतीय मूल की पांच वर्षीय प्राणवी गुप्ता के बारे में। इस बच्ची ने मोबाइल की मदद से महज पांच साल की उम्र में 195 देशों और उनकी राजधानी के नाम याद कर डाले हैं। इतना ही नहीं वह महज 4 मिनट 23 सेकेंड में 195 देशों के नाम फर्राटे से बोल भी देती है। इस कारण उसका नाम इंडिया और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो चुका है। प्राणवी का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स के लिए भी भेजा गया है। प्राणवी मूलत: हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली है।
शुरुआत में लगते थे तकरीबन 45 मिनट
प्राणवी के पिता प्रमोद के मुताबिक जब उसने तमाम देशों के नामों को बोलना शुरू किया तो उसे तकरीबन 45 मिनट लग जाते थे। इसके बाद लगातार प्रैक्टिस की और धीरे-धीरे यह 11 मिनट हुए इसके बाद बच्ची मात्र 4 मिनट में ही सारे नाम बोल देती है। प्राणवी को ज्यादातर देशों के नाम याद हैं। वह पहले देशों के नाम लेती है, फिर उसके बाद वह राजधानी के नाम लेती है।
टीवी पर एक बच्ची को नाम बोलते देख शुरू की प्रैक्टिस
प्राणवी की मां प्रियंका के मुताबिक उसे देशों के नाम याद करने का शौक एक दिन टीवी में एक आठ साल की बच्ची को अमेरिका राज्य और उसकी राजधानी के नाम लेते देखकर हुआ। इसके बाद से उसके भी मन में ख्याल आया कि वह भी देशों के नाम याद करे और अब प्राणवी को देश-दुनिया में हर कोई जानता है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.