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कोरोना से जंग जीतने के बाद ही रिटायर होंगी प्रीति

Published - Mon 27, Apr 2020

देश में कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है और सरकार का मानना है कि इस घड़ी में स्वास्थ्य मंत्रालय अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। ऐसे मुश्किल दौर में जब स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन के रिटायरमेंट की तिथि नजदीक आई तो उनके सेवा विस्तार को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया। सरकार के अनुसार प्रीति काफी बेहतर काम कर रही हैं। वह प्रधानमंत्री मोदी की कोरोना से जंग जीतने की टीम की अहम सिपाहसलार हैं।

प्रीति सूदन

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ चल रही लड़ाई की मजबूती बनाए रखने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन को 3 माह का कार्यकाल विस्तार दे दिया है। वह इस महीने के अंत में 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहीं थी। प्रीति को यह सेवा विस्तार महामारी के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्रालय के अच्छे प्रदर्शन के कारण दिया गया है। 

प्रधानमंत्री की टीम में अहम रोल 

कोरोना से जंग जीतने की टीम में प्रधानमंत्री के पांच विशेष सिपाहसलार हैं। जिनमें प्रीति सूदन, पीके मिश्रा, डॉ. वीके पॉल, के. विजयराघवन और डॉ. रमन गंगाखेडेकर मुख्य रूप से शामिल हैं। इस टीम में स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन अकेली महिला हैं। प्रीति लगातार राज्‍यों के संपर्क में रहकर कोरोना को रोकने की कोशिश में लगी हैं। वह केंद्र के सभी डिपार्टमेंट्स से कोऑर्डिनेट करती हैं ताकि सरकार की पॉलिसीज ठीक से लागू हो सकें। वह काम को अंजाम देने के लिए दिन-रात जुटी रहती हैं। उनके जानकारों की मानें तो बामुश्किल रात में तीन या चार घंटे सोती होगी। अब वह 31 जुलाई तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव बनी रहेंगी।  

मार्च में बनाई गई थी स्पेशल टीम

कोरोना से लड़ने के लिए संयम, संकल्प और संतुलन का जो मंत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से देशवासियों से मुखातिब होते हुए देते हैं, दरअसल धरातल पर कोरोना से जंग में उसे यह टीम ही पूरा करती है।  भारत सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों के बेहद संतुलित और सधे हुए विशेषज्ञों की यह स्पेशल टीम बनाई मार्च में बनाई थी। प्रीति भी इसका हिस्सा हैं। यह टीम लगातार पीएम मोदी की सहायता करती है। यह टीम प्रधानमंत्री को महामारी से जुड़े हर टेक्निकल पॉलिसी डिसिजन पर सलाह देती है। 

1983 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं

प्रीति 1983 बैच की आंध्र प्रदेश कैडर की आईएएस ऑफिसर हैं। इससे पहले वह खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव थीं। वह कई राज्यों और केंद्र सरकारों में बतौर संयुक्त सचिव महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकी हैं। वह भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति की योजना आयुष्मान भारत की प्लानिंग और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इसका लक्ष्य भारत के निचले 40% गरीब और कमजोर आबादी को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना है। वह विश्व बैंक में बतौर सलाहकार काम कर चुकी हैं।