राही सरनोबत आज किसी नाम की मोहताज नहीं हैं। वर्ल्ड कप में पिस्टल शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतने वाली राही पहली भारतीय निशानेबाज बनीं। अब टोक्यो में भी उनसे काफी उम्मीदें हैं।
नई दिल्ली। राही सरनोबत का जन्म 30 अक्टूबर 1990 कोल्हापुर, महाराष्ट्र में हुआ। वह विश्व कप में मेडल जीतने के साथ एशियन गेम्स में भी गोल्ड मेडल हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला हैं। अब भारत को इस स्टार निशानेबाज से टोक्यो में भी काफी उम्मीदें हैं। साल 2006 में जब कोल्हापुर की रहने वाली तेजस्विनी सावंन ने कॉमनवेल्थ गेम्स में देश के लिए शूटिंग में 2 गोल्ड मेडल जीते थे, उसके बाद जिस तरह से फैंस ने तेजस्वनी का स्वागत किया था, उससे उस समय 8 वीं क्लास में पढ़ने वाली राही काफी प्रभावित हुई थी और उन्होंने ने भी देश के लिए मेडल जीतने का सपना देखा था। वह तेजस्विनी से काफी प्रभावित हुई थीं और उन्हें अपना हीरो मानती थीं। हाईस्कूल में उन्होंने भी शूटिंग की तैयारी शुरू कर दी।
2011 में जीता कांस्य पदक
राही ने साल 2011 में आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में कांस्य पदक अपने नाम किया था और 25 मीटर पिस्टल में ओलंपिक का टिकट हासिल करने वाली वह पहली भारतीय महिला बनीं। राही के करियर में 2008 कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स सबसे अहम रहा, जहां पहली बार उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था। 21 साल उम्र में उन्होंने 2013 के लंदन ओलंपिक गेम्स में पहली बार कदम रखा था। 30 साल की इस निशानेबाज का यह दूसरा ओलंपिक है। साल 2015 में राही सरनोबत को नेशनल राइफल एसोसियेशन ऑफ इंडिया की तरफ से अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
आगे बढ़ाने में निशानेबाज तेजस्विनी का योगदान
राही को आगे बढ़ाने में निशानेबाज तेजस्विनी सावंत का भी बड़ा हाथ है। जब कभी वह डगमगाईं तो उन्होंने उनको हौसला दिया, उनका मनोबल बढ़ाया। राही ने जब पहली बार शूटिंग रेंज में कदम रखा था तो उन्हें पिस्टल और राइफल में अंतर तक पता नहीं था, उन्होंने बिना सोचे समझे जो हाथ आया, उसे उठा लिया।
राही को गाने का है शौक
राही को गाना गाने का बहुत शौक है। जब भी उन्हें मौका मिलता है, वह गुनगुनाने लगती हैं। इसके अलावा उन्हें शॉपिंग करना और ट्रेवलिंग करना बेहद पसंद हैं। उनका पसंदीदा कलर गुलाबी है और उन्हें खाने में पिज्जा और चॉकलेट बेहद पसंद हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.