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झुग्गी में रहने वाली रूबी बनीं जज, प्रशासन ने 16 बार तोड़ी पर नहीं टूटने दिया सपना

Published - Tue 18, Feb 2020

झुग्गी में रहने वाली रूबी झारखंड न्यायिक सेवा की परीक्षा पास करके जज बन गई हैं। उन्होंने सिविल जज (जूनियर डिविजन) की परीक्षा में 52वीं रैंक हासिल की। उनका यह सफर आसान  नहीं  था। सिर से पिता का साया उठ चुका था और उनकी झोपड़ी बार-बार उजाड़ी जा रही थी। एक बार नहीं पूरे 16 बार उनकी झुग्गी को प्रशासन ने उखाड़ फेंका लेकिन आज वह अपने मुकाम की प्राप्ति के बाद सुकून महसूस करती हैं। 

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नई दिल्ली। झुग्गी में रहने वाली रूबी झारखंड न्यायिक सेवा की परीक्षा पास करके जज बन गई हैं। उन्होंने सिविल जज (जूनियर डिविजन) की परीक्षा में 52वीं रैंक हासिल की। उनका यह सफर आसान  नहीं  था। सिर से पिता का साया उठ चुका था और उनकी झोपड़ी बार-बार उजाड़ी जा रही थी। एक बार नहीं पूरे 16 बार उनकी झुग्गी को प्रशासन ने उखाड़ फेंका लेकिन आज वह अपने मुकाम की प्राप्ति के बाद सुकून महसूस करती हैं। 
पानीपत के जीटी रोड पर अनाजमंडी के पास कुछ कच्चे घर (झुग्गी) हैं। इन्हीं में से एक में रहता है रूबी का परिवार। उपयोग में लाए जा चुके कपड़ों में से पहले उनके परिवार के लोग कुछ ऐसे कपड़े चुनते हैं, जिनसे धागा बनाया जा सकता है। चार बहनों में सबसे छोटी रूबी ने अंग्रेजी संकाय में एमए किया। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी दी, पर सफल नहीं हुई। इस बीच, प्रशासन ने कच्चे मकान को ढहाने के लिए अभियान चलाए। बार-बार उसका घर टूटा और सड़क पर आने की नौबत आई। इन मुसीबतों के बावजूद रूबी पीछे नहीं हटी। दिल्ली विश्वविद्यालय से वर्ष 2016 में एलएलबी की। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश और हरियाणा न्यायिक सेवा की परीक्षा में बैठीं, पर सफलता अभी दूर थी और मुसीबतें उतनी ही पास। इसके बाद झारखंड न्यायिक सेवा की परीक्षा दी।