झुग्गी में रहने वाली रूबी झारखंड न्यायिक सेवा की परीक्षा पास करके जज बन गई हैं। उन्होंने सिविल जज (जूनियर डिविजन) की परीक्षा में 52वीं रैंक हासिल की। उनका यह सफर आसान नहीं था। सिर से पिता का साया उठ चुका था और उनकी झोपड़ी बार-बार उजाड़ी जा रही थी। एक बार नहीं पूरे 16 बार उनकी झुग्गी को प्रशासन ने उखाड़ फेंका लेकिन आज वह अपने मुकाम की प्राप्ति के बाद सुकून महसूस करती हैं।
नई दिल्ली। झुग्गी में रहने वाली रूबी झारखंड न्यायिक सेवा की परीक्षा पास करके जज बन गई हैं। उन्होंने सिविल जज (जूनियर डिविजन) की परीक्षा में 52वीं रैंक हासिल की। उनका यह सफर आसान नहीं था। सिर से पिता का साया उठ चुका था और उनकी झोपड़ी बार-बार उजाड़ी जा रही थी। एक बार नहीं पूरे 16 बार उनकी झुग्गी को प्रशासन ने उखाड़ फेंका लेकिन आज वह अपने मुकाम की प्राप्ति के बाद सुकून महसूस करती हैं।
पानीपत के जीटी रोड पर अनाजमंडी के पास कुछ कच्चे घर (झुग्गी) हैं। इन्हीं में से एक में रहता है रूबी का परिवार। उपयोग में लाए जा चुके कपड़ों में से पहले उनके परिवार के लोग कुछ ऐसे कपड़े चुनते हैं, जिनसे धागा बनाया जा सकता है। चार बहनों में सबसे छोटी रूबी ने अंग्रेजी संकाय में एमए किया। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी दी, पर सफल नहीं हुई। इस बीच, प्रशासन ने कच्चे मकान को ढहाने के लिए अभियान चलाए। बार-बार उसका घर टूटा और सड़क पर आने की नौबत आई। इन मुसीबतों के बावजूद रूबी पीछे नहीं हटी। दिल्ली विश्वविद्यालय से वर्ष 2016 में एलएलबी की। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश और हरियाणा न्यायिक सेवा की परीक्षा में बैठीं, पर सफलता अभी दूर थी और मुसीबतें उतनी ही पास। इसके बाद झारखंड न्यायिक सेवा की परीक्षा दी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.