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आईएएस बनने का सपना पूरा नहीं कर सके पिता, बेटी ने अफसर बन बढ़ाया मान

Published - Wed 28, Oct 2020

आज के दौर में अभिभावक जब अपने बच्चों से किसी विशेष फील्ड में कॅरियर बनाने को कहते हैं, तो उन्हें लगता है कि पैरेंट्स उन पर अपनी मर्जी थोप रहे हैं। कई घरों में इस बात को लेकर रिश्तों में खटास भी आ जाती है। लेकिन यूपी के एक छोटे से जिले सोनभद्र के राबर्ट्सगंज की रहने वाली साक्षी गर्ग को जब अपने पिता के अधूरे सपने के बारे में पता चला तो वह उसे पूरा करने में जी-जान से जुट गईं। उन्होंने पिता के सपने को ही अपना लिया और वह मुकाम जो पिता हासिल नहीं कर सके उसे पूरा करके ही दम लिया। साल 2018 में आईएएस बनीं तो पिता की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। आइए जानते हैं राबर्ट्सगंज की बेटी साक्षी गर्ग के सफर के बारे में .....

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के रॉबर्ट्सगंज की रहने वालीं साक्षी गर्ग शुरू से पढ़ाई में काफी अच्छी थीं। उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई रॉबर्ट्सगंज में ही रहकर की। उन्होंने हाईस्कूल में 76 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। वहीं, इंटर में 81.4 फीसदी अंक हासिल किए थे। पढ़ाई में साक्षी की लगन देखकर पिता ने उन पर कभी अपनी मर्जी नहीं थोपी। हमेशा यही कहा कि जो मन हो वह बनो। इंटर की परीक्षा पास करने के बाद ही साक्षी ने सिविल सेवा में जाने का मन बना लिया था। इस बीच साक्षी को यह भी पता चला कि उनके पिता भी आईएएस अफसर बनना चाहते थे, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। इस जानकारी के बाद साक्षी ने आईएएस बनाने का अपना इरादा और पक्का कर लिया। वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। साथ ही राबर्टगंज राजकीय महिला महाविद्यालय से बीएड की डिग्री भी ली।

पिता ने हर कदम पर किया सहयोग

साक्षी के मुताबिक 12वीं में 81 फीसदी अंक लाने के बाद ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला कर लिया था। लेकिन दिक्कत यह थी कि रॉबर्ट्सगंज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बेहतर संसाधन नहीं थे। इस वजह से साक्षी ने पहले अपना ग्रेजुएशन पूरा करने का फैसला लिया। साक्षी बताती हैं कि ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने दिल्ली में रहकर तैयारी करने का मन बनाया। इस बारे में उन्होंने अपने पिता से बात की तो वह तुरंत तैयार हो गए। उन्होंने साक्षी से कहा, 'तुम जाने की तैयारी करो, खूब मन लगाकर पढ़ना, बाकी किसी चीज के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है।' पिता की ये बातें सुनकर साक्षी निश्चिंत हो गईं। साक्षी ने अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत की और 2018 में आईएएस की परीक्षा पास करने में सफल रहीं।

निजी कारणों के चलते आईएएस नहीं बन सके थे पिता

साक्षी के पिता कृष्ण कुमार गर्ग पेशे से एक बिजनेसमैन हैं। उनकी मां रेनू गर्ग गृहिणी हैं। साक्षी बताती हैं कि उनके पिता भी आईएएस बनना चाहते थे, लेकिन निजी कारणों की वजह से वह अपने इस सपने में रंग भरने से चूक गए। साक्षी के मुताबिक पिता को हमेशा यह बात खलती थी। इस बारे में जब साक्षी को पता चला, तो उन्होंने बिना किसी से बताए खुद आईएएस बनने का मन बना लिया था।