अगर आप में जज्बा हो तो आप हर हाल में कामयाबी हासिल कर सकते हैं। पाकिस्तान की सना को बचपन से ही कामयाबी की ललक थी। उनकी यह ललक और मेहनत रंग लाई। वह पाकिस्तान में पहली हिंदू अफसर ( लड़की ) बनी हैं।
नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में पहली बार एक हिंदू लड़की असिस्टेंट कमिश्नर बनी है। उनका नाम सना रामचंद है। उन्हें यह मुकाम हासिल करने के लिए सेंट्रल सुपीरियर सर्विस (सीएसएस) पास करनी पड़ी। इसके बाद उनका चयन पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (पीएएस) में हुआ। यह पाकिस्तान की सबसे बड़ी प्रशासनिक परीक्षा है। सना पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर भी हैं।
बचपन से है कामयाबी की ललक
सना ने स्थानीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैं बेहद खुश हूं, लेकिन हैरान नहीं। मुझे बचपन से ही कामयाबी की ललक है और मैं इसकी आदी हो चुकी हूं। मैं अपने स्कूल, कॉलेज और एफसीपीएस की परीक्षा में भी टॉप कर चुकी हूं।' वह कहती हैं कि यह सफलता भी उन्हें उनकी कड़ी मेहनत के बाद मिली है।
एफसीपीएस की कर रहीं पढ़ाई..
सना सिंध प्रांत के शिकारपुर जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने सिंध प्रांत के चंदका मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया। अभी वे सिंध इंस्टिट्यूट ऑफ यूरोलॉजी एंड ट्रांसपेरेंट से एफसीपीएस की पढ़ाई कर रही हैं। वे जल्द ही सर्जन बनने वाली हैं।
कुल आबादी के चार फीसदी हैं हिंदू
पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के अनुसार वहां 80 लाख से ज्यादा हिंदू आबादी है, जो पाकिस्तान की कुल आबादी का लगभग 4% है। इसके मुताबिक, सबसे ज्यादा 94% हिंदू आबादी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहती है। सना को सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। इनमें कई राजनीतिक हस्तियां भी हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.