तमिलनाडु की इलावरासी जयाकांत के सुपर मार्केट स्टोर में बड़ी चोरी हो गई थी और पूरा कारोबार चौपट हो गया था, पर कहते हैं ना कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती.. आज उनके त्रिशूर में चार आउटलेट्स हैं...
तमिलनाडु की इलावरासी जयाकांत का परिवार काफी संपन्न था और उनका मिठाई का कारोबार अच्छा चल रहा था। परिवार को देख वह भी मिठाई बनाने के काम में निपुण हो गई थीं। शादी के बाद उन्होंने पहले लोकल स्टोर्स में मिठाइयां बेचीं। उनका बिजनेस अच्छा चलने लगा तो परिवार से राय लेकर करीब 50,00000 का लोन लिया। 2010 में उन्होंने एक सुपरमार्केट स्टोर खोला, जिसमें 50 लोग काम करते थे। उनका व्यवसाय काफी अच्छा चल रहा था, लेकिन 2011 में उनकी दुकान में बहुत बड़ी चोरी हो गई, जिसकी वजह से जयाकांत के परिवार का सबकुछ लुट गया और वे पैसे-पैसे का मोहताज हो गए।
100 रुपये से बदल डाली अपनी किस्मत
इस मुश्किल हालात में जयाकांत के घर वालों का हौंसला लगातार टूट रहा था, पर इधर तूफानों से मुकाबला करने की हिम्मत रखने वालीं जयाकांत कहां हार मानने वाली थीं। उनके बटुए में उस समय सिर्फ 100 रुपये का नोट था और उसी से उन्होंने अपनी तकदीर बदल डाली। उन्होंने मिठाई की जगह चिप्स बनाने का काम शुरू किया। अपने इस कारोबार को उन्होंने अस्वती हॉट चिप्स नाम दिया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई।
आज 4 आउटलेट्स हैं...
मेहनत और लगन से अपनी किस्मत को फिर जगाने वाली जयाकांत के आज त्रिशूर में चार आउटलेट्स हैं। इनमें चिप्स, अचार और केक मिलते हैं। उन्हें इंटरनेशनल पीस काउंसिल यूएई की तरफ से बेस्ट एंटरप्रेन्योर का अवार्ड भी दिया गया।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.