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भारत की ऊषा राव-मोनारी बनीं यूएनडीपी की अवर महासचिव

Published - Sun 21, Feb 2021

भारतीय मूल के लोग इतिहास रच रहे हैं। हाल ही में अमेरिका प्रशासन में भारतीय मूल के कई लोगों को शामिल किया गया है। इसी प्रकार संयुक्त राष्ट्र संघ में भी कई भारतीय मूल के लोगों को नामित किया गया है। इसमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। इन्हीं में एक शामिल हैं ऊषा राव मोनारी। उन्हें संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की अवर महासचिव बनाया गया है। इसके साथ ही पहली भारतीय-मुस्लिम ‘चैपलिन’ सलेहा जबीन को अमेरिकी सेना में शामिल किया गया है।

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने वित्त एवं निवेश के क्षेत्र की जानी-मानी भारतीय विशेषज्ञ ऊषा राव-मोनारी को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की अवर महासचिव और एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की है।

तीन दशक का है अनुभव

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता की मानें तो ब्लैकस्टोन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रुप की वरिष्ठ सलाहकार राव-मोनारी निवेश के क्षेत्र की एक पेशेवर हैं, जिन्हें खासकर बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में तीन दशक का अनुभव है। राव-मोनारी ने विश्व बैंक समूह के अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम में व्यापार सलाहकार समूह की निदेशक समेत कई वरिष्ठ पदों पर भी भूमिका निभाई है। उन्होंने डीयू से डिग्री लेने के बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स / स्कूल ऑफ बिजनेस’ से अंतरराष्ट्रीय मामलों एवं वित्त में स्नातकोत्तर की डिग्री ली। 

अमेरिकी सेना में शामिल की गईं सलेहा जबीन

नई दिल्ली। अमेरिकी सेना में पहली भारतीय-मुस्लिम ‘चैपलिन’ सलेहा जबीन को शामिल किया गया है। वह एक आध्यात्मिक सलाहकार हैं। ‘चैपलिन’ धार्मिक मामलों में सलाह देने वाला पेशवर होता है। उन्होंने इस कॉलेज से स्नातक किया है। भारत में जन्मी जबीन ने कहा कि वह इस जिम्मेदारी से भी पूरी तरह अवगत हैं कि उन्हें एक उदाहरण पेश करके यह दिखाना होगा कि जो भी सेवा करना चाहता है, उसके लिए सेना में एक जगह है। उन्होंने कहा, मुझे अपने किसी धार्मिक विश्वास से समझौता नहीं करना पड़ा। मेरे आसपास ऐसे लोग हैं, जो मेरा सम्मान करते हैं।