मंडी जिले की रहने वाली जबना आज पूरे जिले की पहचान बन गई हैं। वो वहां एक ऐसा चेहरा बन गई हैं, जो न केवल समाजिक बुराईयों से लड़ रहा है और गरीब लोगों की समस्याओं को भी सुलझा रहा है।
हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले थरजूण एक छोटा सा गांव है। यह गांव देश-दुनिया में पहचाना जाता है। इसकी प्रसिद्ध का कारण कोई कला या संस्कृति नहीं, तो इस गांव की प्रधान हैं। इस गांव की प्रधान जबना चौहान देश की पहली ऐसी प्रधान हैं, जिन्होंने बाईस साल की उम्र में प्रधान बनकर सबको चौंका दिया है। यह निर्णय उन्होंने गांव की कायापलट करने के लिए लिया था। आज जबना देश-प्रदेश में जानी जाती हैं। जबना अपने गांव को मजबूत बनाने में जुटी हैं।
जबना चौहान ने जब कॉलेज की पढ़ाई पूरी कि तो उन्होंने न्यूज एंकर बनकर एक चैनल में काम करना शुरू किया। लेकिन काम में उनका मन नहीं लगता था। वह हमेशा सोचती थीं कि वह अपने समाज के गरीबों की सेवा करें व ग्रामीण अचल में मौजूद समस्याओं को दूर करें। जबना ने अपने क्षेत्र से पंचायत चुनाव लड़ने की ठानी और पंचायती का चुनाव लड़ा। हैरानी की बात ये है कि वो जीत भी गईं। जबना ने ग्राम पंचायत में बाकायदा प्रस्ताव पारित कर शराबबंदी करवाई। इस काम के लिए उनका विरोध भी हुआ, लेकिन जबना ने हार नहीं मानी। इसके बाद जबना ने चुना सफाई अभियान का रास्ता।
उन्होंने गांव वालों को स्वच्छता अपनाने के लिए प्रेरित किया और गंदगी न करने की अपील की। उनकी अपील का ये असर हुआ कि गांव पूरी तरह स्वच्छ हो गया। लोगों को सफाई की आदत डलवाई। उन्होंने स्वच्छता के लिए हर घर में दो डस्टबीन रखवाए। गांव में सीवर का जो कचरा पानी खुले में जा रहा था, उसके लिए उन्होंने अलग से गड्ढे खुदवाए। गाय-भैंस का गोबर एक जगह एकत्रित करने के लिए जगह-जगह शेड बनवाए। धीरे-धीरे जबना का गांव मॉडल पंचायत बन गया। जबना ने ये काम मात्र एक साल के भीतर ही किया।
जबना के काम को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी सराह चुके हैं और जबना को बेस्ट सरपंच के अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। जबना क्षेत्र की सामाजिक बुराईयों के खिलाफ तो लड़ ही रहीं हैं साथ ही गरीब लोगों के लिए भी काम करती हैं। जबना ने जब अपने गांव में शराब और तंबाकू बेचना बंद कराया, तो आसपास के गांवों में भी इसका असर देखने को मिला। वहां भी शराब और तंबाकू पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया। जबना का अगला लक्षय गांव में एक डिग्री कॉलेज खोलना और प्रकाश की उचित व्यवस्था करवाना है। जबना का कहना है कि वह कुछ ऐसा काम शुरू करना चाहती हैं, जिससे महिलाओं की कमाई हो। छोटी उम्र में बड़े इरादे रखने वाली जबना को अभिनेता अक्षय कुमार और पीएम मोदी सम्मानित भी कर चुके हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.