जिस तेजी से हमारा समाज आधुनिक हुआ है, उसी तेजी से महिलाओं के साथ हिंसा, यौन दुव्यर्वहार, छेड़खानी , रेप आदि के मामले बढ़े हैं। महिलाएं अपने साथ होने वाले अपराधों को लेकर किसी से कह नहीं पातीं और अपराधियों के हौंसले बढ़ते जाते हैं। महिलाओं के साथ बढ़ती अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने, महिलाओं को न्याय दिलाने और समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए भारत सरकार ने एक योजना शुरू की है। योजना का नाम है 'वन स्टॉप योजना' यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ न्याय दिलाने के लिए भी चलाई जा रही है।
योजना : वन स्टॉप सेंटर, भारत सरकार
योजना का मकसद : हिंसा पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे सहायता और सहयोग प्रदान करना
योजना के उद्देश्य
हिंसा पीड़ित महिलाओं, बालिकाओं को एक ही छत के नीचे सहायता और सहयोग प्रदान करना।
घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, मानव तस्करी, दहेज उत्पीड़न से पीड़ित महिलाओं को सहायता देना।
पीड़िताओं को चिकित्सकीय, विधिक सहायता, परामर्श, काउंसिलिंग और पुलिस परामर्श उपलब्ध कराना।
किसे मिलेगी सहायता
ऐसी महिला जो किसी भी तरह की हिंसा से पीड़ित हो।
18 वर्ष से कम आयु की बालिकाएं भी यहां शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं की सहायता हेतु लैंगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत गठित संस्थाओं को सेंटर से जोड़ना।
यहां शिकायत पंजीकृत कराने वाली पीड़िता को 5 दिनों तक सेंटर में रहने-खाने की निःशुल्क सुविधा भी प्रदान की जाती है।
कहां हैं वन स्टॉप सेंटर
भारत सरकार ने हर जिला मुख्यालय पर एक वन स्टॉप सेंटर बनाया हैं, जहां पीड़िताओं की सहायता की जाती है। महिला पुलिस, आंगनबाड़ी व अन्य सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से क्षेत्रीय ओएससी सेंटर के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सरकार द्वारा संचालित इस योजना के तहत ये सेंटर पीड़ित अवासविहीन महिलाओं और बालिकाओं को आवास उपलब्ध करा रहा है। सरकार ने इस योजना की सफलता को देखकर अपने एक अन्य कार्यक्रम "सखी" को भी "वन स्टॉप सेंटर" में सम्मलित कर लिया है।
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नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.